आगरा। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ एवं स्वास्थ्य मंत्री एवं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक बेशक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के कितने भी जतन करें एवं प्रदेश की जनता को सभी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने का दावा करें लेकिन आगरा में शायद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और उनके चिकित्सक सूबे के मुखिया से इत्तेफाक नहीं रखते। यही कारण है कि जनपद का जिला अस्पताल लगातार सुर्खियों में रहता है, इस बार उसकी सुर्खियों का कारण जिला अस्पताल की क्षय रोग विभाग की ओपीडी बनी है। ओपीडी के बाहर क्षय रोग के मरीज बैठे हुए थे और चिकित्सक नदारद दिखाई दे रहे थे। यह दृश्य देखकर हर मरीज परेशान था और चिकित्सक के साथ अस्पताल की इस कार्यशैली को कोसता हुआ नजर आ रहा था।
Half Day था फिर भी नहीं बैठे चिकित्सक
बताते चलें कि शुक्रवार को ईद मुलादनबी थी और सरकारी छुट्टी थी लेकिन सरकारी छुट्टी के दिन भी जिला अस्पताल हॉफ डे के लिए खुलता है क्योंकि चिकित्सा इमरजेंसी सुविधा में आता है। Half day वाले दिन ओपीडी 11:30 बजे तक चलती है और चिकित्सकों को भी 11:30 बजे तक बैठना होता है लेकिन क्षय रोग विभाग की ओपीडी में 10:45 से ही सन्नाटा छा गया। ओपीडी के बाहर काफी मरीज बैठे हुए थे जो चिकित्सक के आने का इंतजार कर रहे थे।
SIC से की शिकायत
इस पूरे मामले को जिला अस्पताल के sic डॉ.राजेंद्र अरोड़ा के संज्ञान में लाया गया। तो उन्होंने भी कुछ ऐसे तर्क दे दिए जिसे जानकार हम भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि हमारे पास क्षय रोग के चिकित्सक ही नहीं हैं। एक चिकित्सक है भी तो वह MBBS है, वह भी वीआरएस चाहते हैं इसलिए मनमानी तरीके से जॉब पर आते हैं और सरकारी छुट्टी के दिन छुट्टी कर लेते हैं वहीं एसएन के जूनियर भी ऐसे ही आते हैं।
CMO को दिया है पत्र
जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ.राजेंद्र अरोड़ा का कहना है कि इस समस्या से वो सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं लेकिन उन्हें जिला अस्पताल के लिए कोई क्षय रोग का चिकित्सक नहीं मिला है और न ही इन पर कोई कार्यवाही हुई है।
