अंबेडकर नगर: 60 वर्षीय वृद्ध महिला से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप, पुलिस पर कार्रवाई न करने और समझौते का दबाव बनाने का संगीन इल्जाम
अंबेडकर नगर, उत्तर प्रदेश: मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना अंबेडकर नगर जिले से सामने आई है, जहाँ अहिरौली थाना क्षेत्र में एक 60 वर्षीय वृद्ध महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। पीड़ित महिला ने अपने ही गाँव के दो युवकों पर इस जघन्य अपराध का आरोप लगाया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़िता का आरोप है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है, न ही उसका मेडिकल कराया गया है और कुछ लोग उस पर लगातार समझौते का दबाव बना रहे हैं।
गाँव के ही युवकों पर दुष्कर्म का आरोप
जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक घटना अंबेडकर नगर जिले के अहिरौली थाना क्षेत्र की है। पीड़ित वृद्ध महिला का आरोप है कि उसके गाँव के ही रहने वाले दो युवकों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। यह घटना समाज में वृद्धों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
पुलिस पर उदासीनता और समझौते के दबाव का आरोप
पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक को भी प्रार्थना पत्र देकर मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए सीओ को निर्देशित करने की गुहार लगाई है। महिला का आरोप है कि उसके मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया है और अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इतना ही नहीं, महिला का यह भी कहना है कि कुछ लोग उस पर लगातार समझौता करने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया है। सबसे गंभीर आरोप यह है कि महिला का मेडिकल भी नहीं करवाया गया है, जो यौन उत्पीड़न के मामलों में एक अनिवार्य प्रक्रिया है।
समाजवादी पार्टी ने दिया न्याय का आश्वासन
इस बीच, एकदिवसीय दौरे पर अंबेडकर नगर आए समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल से पीड़ित महिला ने न्याय की गुहार लगाई। श्यामलाल पाल ने महिला को न्याय का आश्वासन देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी उसके साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस मामले में न्याय नहीं किया, तो आगामी दिनों में इस मुद्दे को सदन में उठाया जाएगा।
उलझी हुई पहेली बनता जा रहा मामला
यह मामला अब एक उलझी हुई पहेली बनकर रह गया है, जहाँ पीड़ित महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि क्यों इस गंभीर मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है? आखिर क्यों महिला का मेडिकल नहीं करवाया जा रहा है? यदि महिला के आरोप झूठे हैं, तो उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? इन सभी सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं। इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था और समाज में महिलाओं, विशेषकर वृद्ध महिलाओं की सुरक्षा पर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और निष्पक्ष जाँच करनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और पीड़िता को न्याय मिल सके।