बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकियों पर प्रशिक्षण का शुभारंभ

Dharmender Singh Malik
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, फरह में 21 सितंबर, 2023 को “बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकियों” विषय पर 8 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम अनुसूचित जाति एवं जनजाति परियोजनाओं द्वारा वित्तपोषित है तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं हेतु आयोजित किया गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली ने की। उन्होंने बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान एवं उसकी आर्थिकी के बारे में प्रशिक्षुओं को अवगत कराया। साथ ही उन्होंने आधुनिक जैव तकनीकियों से बकरी पालन के क्षेत्र में होने वाले लाभों से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह तकनीकियां ही “गरीब की गाय” बकरी को “भविष्य का जानवर” बनाने में सहायक होंगी।

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कार्यक्रम के प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. शिव प्रताप सिंह एवं डॉ. योगेश कुमार सोनी ने बताया कि यह प्रशिक्षण बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकों एवं उनके अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ावा देने तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के तकनीकी एवं कौशल विकास हेतु आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में 07 राज्यों के 12 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन के साथ सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

प्रशिक्षण के उद्देश्य:

  • बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान करना
  • आधुनिक जैव तकनीकों के अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ावा देना
  • अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के तकनीकी एवं कौशल विकास को बढ़ावा देना
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प्रशिक्षण के विषय:

  • बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकें
  • कृत्रिम गर्भाधान
  • आनुवंशिकी और चयन
  • पशु आहार और प्रबंधन
  • बकरी रोग और उनके नियंत्रण

प्रशिक्षण का महत्व:

  • आधुनिक जैव तकनीकियां बकरी पालन में उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक हैं।
  • अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए यह प्रशिक्षण एक अवसर है कि वे बकरी पालन के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को सीखें और अपने कौशल को बढ़ाएं।

प्रशिक्षण के परिणाम:

  • प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागियों को बकरी जनन की आधुनिक जैव तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
  • उन्होंने कृत्रिम गर्भाधान, आनुवंशिकी और चयन, पशु आहार और प्रबंधन, बकरी रोग और उनके नियंत्रण जैसे विषयों पर भी ज्ञान प्राप्त किया।
  • इस प्रशिक्षण से उन्हें बकरी पालन के क्षेत्र में अपना व्यवसाय शुरू करने में सहायता मिलेगी।
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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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