इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बुधवार को पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने पुष्टि की कि इस संघर्ष में उनके दो और सैनिक मारे गए हैं, जिससे कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष शनिवार को समाप्त होने पर सहमति बनी थी।
भारतीय हमलों में घायल हुए थे पाक सैनिक
आईएसपीआर के मुताबिक, ये दोनों सैनिक भारतीय हमलों में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान हवलदार मोहम्मद नवेद (पाकिस्तान सेना से) और सीनियर टेक्नीशियन मोहम्मद आयाज़ (पाकिस्तानी वायुसेना से) के रूप में की गई है। पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में इन सैनिकों की शहादत को नमन करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानी देश की सामूहिक स्मृति में हमेशा बनी रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
गौरतलब है कि मंगलवार को आईएस पीआर ने जानकारी दी थी कि भारत के साथ संघर्ष में उनके 11 सैनिक मारे गए थे और 78 अन्य घायल हुए थे। अब दो और मौतों के साथ यह आंकड़ा 13 तक पहुंच गया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ बना भारतीय जवाबी कार्रवाई का आधार
यह सैन्य टकराव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद शुरू हुआ था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक और प्रभावी हमले किए थे। इन हमलों के बाद, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिससे दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव और संघर्ष कई दिनों तक जारी रहा।
चार दिन चला भारत-पाकिस्तान का संघर्ष, फिर बनी सहमति
भारत और पाकिस्तान के बीच यह सैन्य संघर्ष चार दिनों तक चला, जिसमें दोनों ओर से भारी गोलीबारी और हवाई गतिविधियां देखी गईं। शनिवार को जाकर दोनों देशों के बीच संघर्ष समाप्त करने पर सहमति बनी, जिससे सीमा पर तनाव में कमी आई।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों और हवाई अड्डों को निशाना बनाया था, जिनमें चकलाला में नूर खान, शोरकोट में रफीकी, चकवाल में मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्कर्दू, भोलारी और जैकोबाबाद जैसे प्रमुख ठिकाने शामिल थे। इन हमलों का उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार तत्वों को सबक सिखाना था।
इस हालिया संघर्ष ने एक बार फिर भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति और अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने की प्रतिबद्धता को उजागर किया है। पाकिस्तान को हुए यह नुकसान भविष्य में किसी भी दुस्साहस से पहले सोचने पर मजबूर करेगा।