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भारत-रूस शिक्षा सहयोग: 12 नवम्बर 2024 को दिल्ली में आयोजित संगोष्ठी

Arjun Singh
3 Min Read

नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच शिक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 12 नवम्बर 2024 को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम और रूसी संघ के वित्तीय विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, और यह 2024 के ब्रिक्स सम्मेलन का हिस्सा था। संगोष्ठी में दोनों देशों के शैक्षिक प्रतिष्ठानों के बीच सहयोग के अवसरों पर गहन चर्चा की गई।

संगोष्ठी का उद्घाटन और मुख्य अतिथियों के संबोधन

कार्यक्रम की शुरुआत ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम की अध्यक्ष श्रीमती पूर्णिमा आनंद द्वारा स्वागत संबोधन से हुई। उन्होंने इस कार्यक्रम के महत्व को बताते हुए भारत और रूस के शिक्षा क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके बाद, रूसी संघ के वित्तीय विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों और शिक्षा की गुणवत्ता पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें भारत और रूस के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग के संभावित लाभों का विस्तार से उल्लेख किया गया।

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भारत के प्रतिष्ठित शैक्षिक नेता का संबोधन

भारत की ओर से प्रो. आशु रानी, जो डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की कुलपति हैं, ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आगरा विश्वविद्यालय रूस के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए तैयार है। प्रो. आशु रानी ने यह भी साझा किया कि आगरा विश्वविद्यालय जल्द ही रूस के विश्वविद्यालयों के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर करेगा, जिससे दोनों देशों के छात्रों के लिए नए शैक्षिक अवसर उत्पन्न होंगे।

रूस के शिक्षा क्षेत्र में प्रमुख भूमिका

संगोष्ठी में वित्तीय विश्वविद्यालय, रूस के रेक्टर, डॉ. स्टानिस्लाव प्रोकोफिव ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच छात्र विनिमय कार्यक्रम की आवश्यकता है, जो शैक्षिक और सांस्कृतिक समझ को बढ़ाएगा। डॉ. प्रोकोफिव ने MOU की अहमियत को रेखांकित किया और इसके माध्यम से दोनों देशों के बीच शिक्षा क्षेत्र में मजबूत संबंध बनाने का आह्वान किया।

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शैक्षिक विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों की चर्चा

संगोष्ठी में भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने भी शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के संभावित अवसरों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने विभिन्न शैक्षिक पहलुओं जैसे कि पाठ्यक्रम में सुधार, शोध साझेदारी, और छात्र विनिमय कार्यक्रमों पर विस्तृत विचार साझा किए।

नए शैक्षिक कार्यक्रमों की पेशकश

कार्यक्रम के समापन पर प्रो. संजीव कुमार, गणितज्ञ और डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के शैक्षिक प्रमुख, ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर पर वित्तीय गणित जैसे नए शैक्षिक कार्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया, जिसे सभी उपस्थित प्रतिनिधियों ने सराहा और समर्थन किया।

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इस अवसर पर BRIEF के समन्वयक श्री बृजेश सिंहडॉ. कार्तिकेय चौधरी और डॉ. नवीन कुमार भी उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम के सुचारु आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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