आगरा, उत्तर प्रदेश- जनपद आगरा के समस्त किसान भाइयों और कम्बाईन (Combine) मालिकों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। शासन के शासनादेश संख्या -80/2024/1363531/12-2099/85/2021-918/2024 अनुभाग-2 दिनांक 05.09.2024 के अनुसार, खरीफ में धान (Paddy) की कटाई के नियमों को सख्त कर दिया गया है ताकि पराली जलाने (Crop Residue Burning) की घटनाओं को रोका जा सके और पर्यावरण को बचाया जा सके।
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सुपर SMS अनिवार्य, उल्लंघन पर कम्बाईन जब्त
शासनादेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अब कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर एस.एम.एस. (Super SMS – Straw Management System) का प्रयोग करना अनिवार्य है।
यदि किसी कारणवश कम्बाईन में सुपर एस.एम.एस. तुरंत नहीं लग पाता है, तो विकल्प के रूप में निम्नलिखित फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) के कृषि यंत्रों का प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जाना अनिवार्य होगा:
* स्ट्रारीपर (Straw Reaper)
* स्ट्रारेक (Straw Rake) व बेलर
* मल्चर (Mulcher)
* पैडी स्ट्राचापर (Paddy Straw Chopper)
* श्रबमास्टर (Shrubmaster)
* रोटरी स्लेशर (Rotary Slasher)
* रिवर्सिबुल एम.बी. प्लाऊ (Reversible MB Plough)
कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे धान की कटाई करते समय इन कृषि यंत्रों का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें। यदि कोई कम्बाईन उपरोक्त कृषि यंत्रों के बिना कटाई करते हुए पाई जाती है, तो फसल अवशेष जलाने से रोकने हेतु गठित टीम द्वारा उनकी कम्बाईन मशीन तत्काल जब्त कर ली जाएगी।
पराली जलाने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्यवाही
समस्त कृषक भाइयों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे धान फसल के अवशेष (पराली) को बिल्कुल न जलाएं।
पराली जलाने के गंभीर दुष्परिणाम
* मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी: आग लगने से खेत के पोषक तत्व जल जाते हैं।
* मित्र कीटों का विनाश: खेत के लिए फायदेमंद सूक्ष्म जीव और कीट समाप्त हो जाते हैं।
* कृषि उपज में हानि: मिट्टी की सेहत खराब होने से अगली फसल के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
* पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव: वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है।
दण्डात्मक कार्यवाही:
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि फसल अवशेष जलाने की घटना की सूचना सैटेलाइट के माध्यम से तुरंत प्राप्त हो जाती है।
ग्राम प्रधान और कर्मचारी भी होंगे उत्तरदायी
यदि किसी गाँव में फसल अवशेष जलाने की घटनाएँ घटित होती हैं, तो न केवल संबंधित कृषक से दण्ड स्वरूप वसूली की कार्यवाही की जाएगी, बल्कि उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान, उस ग्राम के लेखपाल (Lekhpal) तथा अन्य ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी भी उत्तरदायी होंगे।
समस्त कृषक बंधुओं से अनुरोध है कि वे फसल अवशेष को न जलाएं और फसल अवशेष प्रबंधन के सही तरीकों को अपनाकर अपनी मृदा स्वास्थ्य (Soil Health) को बेहतर बनाएं। सहयोग करें और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
