आजमगढ़ : विश्व नदी दिवस के अवसर पर आज हरिऔध कला केन्द्र के सभागार में एक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नदियों के मानव सभ्यता के विकास में योगदान और उनकी स्वच्छता एवं संरक्षण की आवश्यकता पर चर्चा करना था। संगोष्ठी का आयोजन “लोक दायित्व” सामाजिक संगठन द्वारा किया गया, जिसमें विभिन्न प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता मंजीत ठाकुर, डॉ. ध्रुवसेन सेन सिंह और श्री पंकज मालवीय रहे। उन्होंने नदियों के पर्यावरण और सांस्कृतिक महत्व के बारे में चर्चा की और बताया कि किस प्रकार नदियाँ मानव सभ्यता के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वक्ताओं ने यह भी रेखांकित किया कि जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों के कारण कई नदियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं, जिससे न केवल पारिस्थितिकी पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि मानव जीवन पर भी गंभीर संकट उत्पन्न होता है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ कार्यकर्ता अविनाश शाही, संजय सिंह और सतेन्द्र जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने जनजागरण अभियान को एक मुहिम के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि लोग नदियों के संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक हों।
संगोष्ठी के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए, जो नदियों के महत्व और उनकी रक्षा की आवश्यकता को दर्शाते थे। आयोजन ने सभी उपस्थित लोगों को नदियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और उन्हें संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नदियाँ केवल जल का स्रोत नहीं हैं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न हिस्सा हैं। नदियों के संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, तभी हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित कर पाएंगे।
Also Read : पंडित भृगुनाथ चतुर्वेदी कालेज में विश्व शांति दिवस का आयोजन