बर्डस एक्ट के तहत किए थे अपने कागजात जमा हाथ लगी निराशा
कागारौल।चिटफंड कंपनियों में निवेश करा ठगे गए सैकड़ों निवेशकों को दो साल बाद भी उनका पैसा नहीं मिल पाया है। नाराज निवेशकों ने मंगलवार को खेरागढ़ तहसील पहुंचकर उपजिला अधिकारी ऋषिराव को ज्ञापन सौंपा और शासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।
फरवरी–मार्च 2023 में बड्स एक्ट 2019 (BUDS ACT 2019) के तहत निवेशकों ने कंपनियों से धनवापसी की मांग करते हुए आवेदन दिए थे। शासन के आदेशानुसार ट्रायल कोर्ट से आदेश प्राप्त होने पर दोगुना से तीन गुना तक भुगतान होना था। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
जानकारी के मुताबिक, 4 जुलाई 2025 को अपर जिला अधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में बैठक भी हुई थी, जिसमें वित्तीय अभिलेखों की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके पीड़ितों को कोई राहत नहीं मिल सकी।
निवेशकों का कहना है कि अगर जल्द ही उन्हें उनका पैसा वापस नहीं मिला तो वे सरकार के उच्च स्तर तक गुहार लगाएंगे। मंगलवार को ज्ञापन देने पहुंचे निवेशकों की भारी भीड़ ने प्रशासन पर ढिलाई बरतने और नियमानुसार कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। निवेशकों ने तहसील परिसर खेरागढ़ पहुंच कर की नारे बाजी,जताया आक्रोश।
