अनदेखी:सिकंदरा रजवाहा की सफाई में अनियमितताएं, ठेकेदार पर किसानों का आक्रोश, किसानों की रबी की फसल खतरे में, ठेकेदार की मनमानी और विभागीय अनदेखी

Jagannath Prasad
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सफाई के नाम पर छीली गई पटरी का रजवाहा में दिख रहा मलबा और क्षतिग्रस्त पटरी, फोटो अग्र भारत

आगरा (किरावली) – किसानों की रबी की फसल की बुवाई के नजदीक, सिंचाई विभाग द्वारा रजवाहों की सफाई में घोर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। हाल ही में टेंडर जारी होने के बाद, ठेकेदारों द्वारा सिर्फ औपचारिकताएं निभाते हुए सफाई का कार्य अधूरा छोड़ा जा रहा है। क्षेत्रीय किसानों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार पटरियों की घास को छीलकर सफाई के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं।रविवार को अछनेरा क्षेत्र में कासौटी गांव के पास सिकंदरा रजवाहा की सफाई में हो रही गड़बड़ियों की पोल खुली जब किसानों ने मौके पर पहुंचकर ठेकेदार से सफाई की वास्तविकता जाननी चाही। किसानों ने देखा कि पटरियों की घास को छीलकर उसे पानी में फेंका जा रहा है, और पटरियों की मरम्मत की कोई प्रक्रिया नहीं की जा रही है। ठेकेदार ने किसानों की चिंताओं को दरकिनार करते हुए कहा कि उनका काम सिर्फ पटरियों की घास छीलना है, सिल्ट सफाई का जिम्मा उनका नहीं है।

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प्रभावित किसान और उनके आरोप
किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सफाई का काम पूरी तरह से दिखावा है और इससे उनकी फसलें बर्बाद होने का खतरा है।
हरविलास शर्मा, एक किसान, ने कहा, “रजवाहे की सफाई में केवल घास छीलने का काम हो रहा है, जबकि सिल्ट और पटरियों की मरम्मत को नजरअंदाज किया जा रहा है। पानी अवरुद्ध होने की स्थिति में पटरियों का टूटना निश्चित है।”

रंजीत चौधरी, एक अन्य किसान, ने कहा, “विभाग द्वारा घोर अनियमितताओं के तहत सफाई के नाम पर सरकारी धन की बर्बादी हो रही है। पोकलेन मशीनों से पटरियां टूट रही हैं, और मरम्मत का कोई प्रबंध नहीं है। हम ठेकेदार के खिलाफ विरोध करेंगे।

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विभाग की अनदेखी और प्रशासन की भूमिका

हर साल, नहरों और रजवाहों की अनियमित सफाई के कारण पटरियां टूटती हैं, जिससे किसानों की फसलें डूब जाती हैं। विभागीय अधिकारी इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाते, और ठेकेदारों के खिलाफ कभी जवाबदेही तय नहीं की जाती।

 

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