आगरा-फरह स्थित, ईशान कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, (नीरी) भारत सरकार, के तत्वाधान में आगरा एवं मथुरा जनपदों के माध्यमिक विद्यालयों के लिए मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में 13 चयनित किए गए स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने अपनी वैज्ञानिक सोच को प्रदर्शित करते हुए अनेक मॉडल प्रस्तुत किए। प्रतियोगिता का विषय तकनीकी द्वारा कृषि क्षेत्र में विकास एवं उत्पादन बढ़ाने पर था।
संस्था के निदेशक डॉ पंकज शर्मा ने बताया की कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूल स्तर से छात्रों में वैज्ञानिक सोच का विकास एवं प्रोत्साहन करना है ताकि यह बच्चे बड़े होकर देश के विकास एवं मानव जीवन सुगम बनाने में भागीदार बन सकें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं निर्णायक मंडल के सदस्य वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, भारत सरकार, के दिल्ली जोनल क्षेत्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ एस के गोयल एवं डॉ रमन शर्मा थे। डॉ गोयल ने सभी विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए ईशान कॉलेज की सराहना की और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए ऐसे कार्यक्रम लगातार करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया की कान्हा की नगरी मथुरा में डेढ़ प्रतिशत से भी कम फॉरेस्ट्री क्षेत्र है जबकि पूरे देश का प्रतिशत 20 है। आगरा जनपद में भी यह 3.5 प्रतिशत से कम है।
उन्होंने बताया कि हमारे देश में बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया जाता है किंतु अधिकांश पौधे वृक्ष बनने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं अतः आवश्यकता है की तकनीकी एवं अनुसंधान के द्वारा इस समस्या को समाप्त किया जाए। उन्होंने छात्रों से इस क्षेत्र में कार्य करने एवं अधिक से अधिक वृक्षारोपण का आवाहन किया।
प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार एमडी जैन इंटर कॉलेज, आगरा के छात्रों ने जीता जिन्हें 21,000 का नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र दिया गया। द्वितीय स्थान पुलिस मॉडर्न स्कूल मथुरा को मिला 11 हजार की राशि मिली। तृतीय स्थान पर माही इंटरनेशनल स्कूल,आगरा के विद्यार्थी रहे जिन्होंने पांच हजार का नगद पुरस्कार जीता। पांच सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए गए जिसमें 2100 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। सांत्वना पुरस्कार पाने वाले स्कूल थे आर्मी पब्लिक स्कूल ,न्यू सेंट स्टीफन स्कूल ,सेंट जॉन्स गर्ल्स इंटर कॉलेज, आगरा वनस्थली एवं माउंट हिल पब्लिक स्कूल आगरा।
कार्यक्रम को सफल बनाने संस्था के रजिस्ट्रार एस के सिंह ,डीन अकैडमिक राजीव विश्वकर्मा, डीन छात्र कल्याण डॉ शैलेंद्र गौतम, डीन रिसर्च डॉ फैज अली खान एवं सभी विभागाध्यक्षो आदि ने योगदान दिया।