फरह। ईशान कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, फरह में “टेक्नोलॉजी इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप” पर आधारित 6 दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक और आईसीटी अकादमी, सी डैक मोहाली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है, और भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पोषित है।
कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न प्रख्यात कॉलेजों के निदेशकों और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के शिक्षकों ने भी प्रतिभाग किया और अपने अनुभवों को साझा किया।
उद्घाटन समारोह में वक्तव्य
कार्यक्रम का उद्घाटन ईशान कॉलेज की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमती मंजरी अग्रवाल, निदेशक डॉ. पंकज शर्मा और रजिस्ट्रार एस.के. सिंह ने किया। उद्घाटन समारोह में संस्था के चेयरमैन ऑफ गवर्नर काउंसिल श्री संजय अग्रवाल ने नवाचार के महत्व पर जोर दिया और कहा कि “नवाचार द्वारा ही हम मानव जीवन को और अधिक सुगम बना सकते हैं।”
सत्र 1: सी-डैक मोहाली के डॉ. बलविंदर सिंह का संबोधन
कार्यक्रम के पहले सत्र में सी डैक मोहाली के मुख्य इन्वेस्टिगेटर डॉ. बलविंदर सिंह ने “उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र” के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सी डैक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है, जो आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि सी-डैक के प्रयासों से राष्ट्रीय तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा मिल रहा है और यह संगठन वैश्विक विकास के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
सत्र 2: डॉ. आर एस राव का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर व्याख्यान
दूसरे सत्र में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय और टेक्नोलॉजी दिल्ली के वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आर एस राव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से संबंधित आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और इस क्षेत्र में तकनीकी और नवाचार को एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि स्टार्टअप और उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने हेतु एक रोडमैप तैयार किया जाए।
सत्र 3: डॉ. वीर उद्बोधन बिश्नोई का इनोवेशन पर संदेश
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में विख्यात कॉरपोरेट ट्रेनर और मैनेजमेंट कंसल्टेंट डॉ. वीर उद्बोधन बिश्नोई ने “नवाचार” से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार के द्वारा सुधार और प्रगति की जा सकती है।
समापन और योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में कोऑर्डिनेटर डॉ. शैलेंद्र गौतम और कोऑर्डिनेटर व्योम कुलश्रेष्ठ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस कार्यक्रम ने सभी प्रतिभागियों को तकनीकी नवाचार और उद्यमिता के महत्व को समझने का अवसर प्रदान किया।
इस 6 दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम तकनीकी ट्रेंड्स और नवाचार के बारे में अवगत कराना था, ताकि वे अपनी शैक्षिक विधियों में इन्हें प्रभावी रूप से शामिल कर सकें और छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर सकें।