युवा पीढ़ी में संस्कृति और संस्कार के संचार को इस्कॉन कराएगा गीता ओलम्पियाड

Deepak Sharma
2 Min Read
आगरा। युवा पीढ़ी को भारतीय परम्पराओं, संस्कृति और संस्कारों से जोड़ने के लिए इस्कॉन द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों में गीता सार पढ़ाया जा रहा है। इस पहल के तहत अब तक लगभग 100 स्कूलों के 50,000 विद्यार्थियों को गीता का सार पढ़ाया जा चुका है, जबकि इसका लक्ष्य एक लाख बच्चों को शिक्षित करना है।

इस्कॉन के श्रीजगन्नाथ मंदिर के अध्यक्ष अरविन्द स्वरूप प्रभु ने आज मंदिर परिसर में आयोजित इंटरनेशनल गीता ओलम्पियाड के आमंत्रण पत्र विमोचन कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गीता ओलम्पियाड का उद्देश्य बच्चों को संस्कृति और संस्कारों से जोड़कर नैतिक, सामाजिक और पारिवारिक शिक्षा प्रदान करना है। इस प्रतियोगिता में सभी विजेता प्रतिभागियों को आकर्षक उपहार दिए जाएंगे।

प्रभु ने कहा, “यदि हमने अपनी संस्कृति से बच्चों को जोड़ने का प्रयास नहीं किया, तो आगे बहुत विषम परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी। गीता ओलम्पियाड एक छोटा प्रयास है, जिससे हम टूटते परिवारों, घर-घर कलह, तलाक, और वृद्धाश्रम में अकेले गुजर रहे वृद्धों जैसी सामाजिक समस्याओं को नियंत्रित कर सकते हैं।”

इस अवसर पर इस्कॉन की अदिति गौरांगी ने बताया कि कक्षा 6-12 तक के विद्यार्थियों के लिए गीता सार की क्लासेस ली जा रही हैं। क्लास के एक हफ्ते बाद 50 नंबर की परीक्षा होती है, जिसके बाद प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि मिशनरी स्कूलों में धर्मनिर्पेक्ष शिक्षा की अनुमति मिलने में कठिनाई होती है, लेकिन जो बच्चे या अभिभावक गीता की शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस भी उपलब्ध हैं। बच्चे मात्र 40 रुपये में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

इंटरनेशनल गीता ओलम्पियाड का पुरस्कार वितरण समारोह दिसम्बर माह में सूरसदन में आयोजित किया जाएगा, जिससे बच्चों को प्रोत्साहन मिलेगा और वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहेंगे।

 

 

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *