वृंदावन। धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष एवं गोविंदपीठ, वृंदावन के प्रसिद्ध संत महामंडलेश्वर मोहिनी शरण महाराज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस वक्तव्य का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “जब ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेशवाद पर चर्चा हो सकती है, तो इस्लामिक उपनिवेशवाद पर विमर्श से परहेज़ क्यों?”
महामंडलेश्वर मोहिनी शरण महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया यह प्रश्न केवल इतिहास का नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और सत्य के प्रति ईमानदारी का भी विषय है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे प्राचीन राष्ट्र में इतिहास को एक ही दृष्टिकोण से देखना उचित नहीं। यदि किसी कालखंड में राजनीतिक इस्लाम ने समाज, संस्कृति और परंपराओं पर प्रभाव डाला है, तो उसकी भी निष्पक्ष समीक्षा आवश्यक है महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह प्रश्न राष्ट्रहित, सांस्कृतिक स्वाभिमान और धर्म रक्षा से जुड़ा हुआ है। सत्य से भागना किसी भी समाज के लिए उचित नहीं होता। भारत को अपने अतीत की सच्चाई को स्वीकार कर सांस्कृतिक नवजागरण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जब विश्वभर में उपनिवेशवाद के विभिन्न स्वरूपों पर चर्चा हो रही है, तब भारत में इस विषय पर ईमानदार विमर्श इतिहास की वस्तुनिष्ठता और सांस्कृतिक आत्मसम्मान दोनों के लिए आवश्यक है।
