जैथरा (एटा)। बंटवारे के विवाद में पिटाई से घायल व्यक्ति जब शिकायत लेकर जैथरा थाने पहुंचा तो पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय उसे ही थाने में बैठा लिया। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसकी बात सुनने के बजाय उससे ही सवाल-जवाब करने शुरू कर दिए और उसे संदिग्ध मानते हुए घंटों थाने में बैठा लिया।
गढ़िया अहिरान गांव निवासी ब्रजवीर पुत्र राम प्रकाश ने बताया कि उसके बड़े भाई किशनवीर और भतीजे शिवम ने मिलकर उसकी पिटाई की थी। गंभीर चोटें आने पर वह किसी तरह जान बचाकर थाने पहुंचा और पूरी घटना की तहरीर दी। लेकिन पीड़ित का कहना है कि पुलिस ने तुरंत रिपोर्ट दर्ज करने की बजाय उसे ही थाने में बिठा लिया और दोनों पक्षों को बुलाकर समझौते का दबाव बनाने लगी। जब बात नहीं बनी तो पीड़ित का शांति भंग के आरोप में चालान कर दिया।
जख्मों पर मरहम की जगह लगाया, पुलिसिया पूछताछ का नमक
गढ़िया अहिरान निवासी बृजवीर जब लहूलुहान हालत में थाने पहुंचा, तो उम्मीद थी कि पुलिस उसकी मदद करेगी। लेकिन हकीकत इससे उलट निकली। लाठी-डंडों से घायल शरीर पर मरहम की जगह सवालों की बौछार मिली। थाने में बैठाकर उससे ही जवाब-तलब शुरू कर दिया गया। पीड़ित के घाव जहां ठीक होने थे, वहीं पुलिसिया रवैये ने मानसिक प्रताड़ना देकर उन्हें और गहरा कर दिया।
पीड़ित ब्रजवीर ने इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पीड़ित को ही थाने में बैठाया जाएगा, तो आम जनता पुलिस से कैसे न्याय की उम्मीद करे?