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रेड जोन प्रकरण: खाकी का इकबाल बुलंद नहीं कर पाई जैथरा पुलिस

Pradeep Yadav
4 Min Read

एटा: दीपावली के दिन दो पक्षों में हुए विवाद में थाना पुलिस ने भले ही क्रॉस एफआईआर दर्ज कर मामले का पटाक्षेप करने का प्रयास किया हो, परंतु जमीनी स्तर पर हालात सामान्य नजर नहीं आ रहे हैं। हालात सामान्य न होने की गवाही रेड जोन एरिया में दीपावली के दिन से लगाई गई पुलिस पिकेट स्वयं दे रही है। इस पूरे प्रकरण में पुलिस की लचर कार्य प्रणाली सामने आ रही है। दो पक्षों में हुए विवाद में पुलिस को जहां कठोर निर्णय लेने एवं दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाने की जरूरत थी, वहां पुलिस न तो कठोर निर्णय ले सकी और न ही दृढ़ इच्छा शक्ति का प्रभाव दिखा सकी । कारण चाहे राजनीतिक दबाव रहा हो या अन्य कोई, लेकिन रेड जोन में खाकी का इकबाल बुलंद न हो सका । हालांकि पूर्व में इस स्थान पर हुए विवाद में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने खाकी का इकबाल बुलंद कराया था, लेकिन वर्तमान प्रभारी निरीक्षक उस इकबाल को कायम न रख सके, जिसकी क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है।

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विदित हो, शुक्रवार को दीपावली के दिन रात में कस्बा जैथरा की “रेड जोन” एरिया में बस स्टैंड के समीप दो पक्षों में पटाखे चलाने को लेकर विवाद हो हुआ था, जिसमें एक पक्ष पूर्व प्रधान अजय चौहान व दूसरा पक्ष पूर्व सभासद मुकेश पाण्डेय से जुड़ा है। विवाद के बाद नगर में जिस तरह के हालात पैदा हुए उससे हर कोई दहशत में आ गया है। दीपावली की रात को हुए विवाद के बाद पुलिस मौके के नजाकत नहीं भांप सकी और अगली सुबह एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष पर धावा बोलने का प्रयास किया। जिसके बाद थाना पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस बल तैनात करना पड़ा, जो कि अभी भी तैनात है।

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बस स्टैंड क्षेत्र में बिगड़े हालात होने के बावजूद भी पुलिस दोनों पक्षों की तहरीर का इंतजार करती रही । पुलिस ने घटना पर स्वयं संज्ञान लेकर कोई कार्यवाही नहीं की, जोकि थाना पुलिस की लचर कार्य प्रणाली का जीता जागता प्रमाण है। जबकि इससे पूर्व 10 सितंबर 2023 को इसी एरिया में इंडिया एटीएम के पास दो पक्षों में विवाद हुआ था। उस समय तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक फूलचंद ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने प्रभावित पक्षों की तहरीर का इंतजार किए बिना पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज कराकर आरोपियों को जेल भेज कर खाकी का इकबाल बुलंद कराया था। उस समय पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही भले ही स्थानीय नेताओं के गले न उतरी हो, परंतु आम जनता ने पुलिस की खूब सराहना की थी। उस समय खाकी का इकबाल इतना बुलंद हुआ था कि अपराधी किस्म के लोग खाकी के नाम से थर-थर कांपने लगे थे, जबकि आज के हालात बिलकुल विपरीत हैं ।अपराधी किस्म के लोगों को खाकी का कोई खौफ नहीं है। क्षेत्र में खाकी और खादी का गठजोड़ खूब पनप रहा हैं, जिसकी वजह से “रेड जोन” के हालात सामान्य नहीं हो पा रहे हैं।

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