जेवर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसा छोटा सा शहर जेवर अब रियल एस्टेट के नक्शे पर एक ‘हॉटस्पॉट’ बनकर उभरा है। आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेवर एयरपोर्ट) के कारण यहां की जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। पिछले तीन सालों में ही प्रॉपर्टी के दाम पांच गुना तक बढ़ गए हैं, और कुछ ही महीनों में एयरपोर्ट के शुरू होने की संभावना से निवेश के लिए यह क्षेत्र देश-विदेश के निवेशकों की पहली पसंद बन गया है।
एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट ला रहा है क्रांति
एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे के रूप में विकसित हो रहा यह एयरपोर्ट न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और निवेशकों तथा घर खरीदने वालों के लिए इस इलाके को और भी आकर्षक बनाएगा। यह एक ऐसी जगह बन गया है जहाँ लोग भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए भारी निवेश कर रहे हैं।
2018 से ही बढ़ी जमीन की मांग
जेवर में एयरपोर्ट बनाने की घोषणा 2018 में होते ही इस क्षेत्र में जमीन के दाम बढ़ने शुरू हो गए थे। दिलचस्प बात यह है कि कोरोना काल के दौरान भी इस इलाके में निवेश में कोई कमी नहीं आई। जैसे ही एयरपोर्ट का काम शुरू हुआ, निवेशकों का तांता लग गया। तमाम बड़े बिल्डर यहां अपने प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं, और प्रॉपर्टी मार्केट में लाखों लोग अवसर तलाश रहे हैं। कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां भी इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एयरपोर्ट के चालू होते ही प्रॉपर्टी के दामों में और तेजी से उछाल आएगा।
यमुना अथॉरिटी के प्लॉट बनाम मार्केट रेट
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) द्वारा लाई गई प्लॉट योजनाओं में अलग-अलग साइज के प्लॉट उपलब्ध हैं, जिससे हर बजट के लोग आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, अथॉरिटी द्वारा आवंटित प्लॉटों की दरें (लगभग 34,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर) और खुले बाजार की दरों (80,000 से 95,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर) में लगभग तीन गुना का अंतर देखा जा सकता है। जिन आवंटियों को लकी ड्रा के माध्यम से प्लॉट मिले थे, वे उन्हें दोगुने से भी अधिक रेट पर रीसेल कर रहे हैं, जो इस क्षेत्र की अप्रत्याशित वृद्धि को दर्शाता है।
भारी निवेश और रोजगार के नए अवसर
पिछले 15 दिनों में ही YEIDA सिटी में 9 कंपनियों ने कुल 11,818 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया है। इनमें सेमीकंडक्टर पार्क के लिए फॉक्सकॉन ग्रुप की वामा सुंदरी कंपनी और ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए एस्कॉर्ट ग्रुप (4,500 करोड़ रुपये) प्रमुख हैं। फॉक्सकॉन 300 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क विकसित करने के लिए बातचीत कर रहा है, जबकि सिफी इनफिनिट और जैक्सन ने डेटा सेंटर के लिए 10-10 एकड़ के दो प्लॉट हासिल किए हैं।
स्वयं यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) भी 13,300 एकड़ कृषि भूमि खरीद रहा है, जिसे वह विकसित करके डेवलपर्स को वाणिज्यिक और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए आवंटित करना चाहता है। इन निवेशों से क्षेत्र में 30,000-35,000 लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त गति मिलेगी।
आवासीय मांग में भी उछाल
पिछले दो सालों में फ्लैट की कीमतों में भी 15-20% की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, वर्तमान में इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लोग नहीं रहते, लेकिन भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए निवेशक धड़ल्ले से फ्लैट खरीद रहे हैं। लगभग 10-11 ग्रुप हाउसिंग प्लॉट विभिन्न बिल्डरों को आवंटित किए गए हैं, जिनमें से कई बिल्डर जल्द ही अपने प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाले हैं। जैसे-जैसे एयरपोर्ट चालू होगा और बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, आवासीय मांग में और वृद्धि होने की पूरी संभावना है।
जेवर हवाई अड्डे ने यमुना एक्सप्रेसवे पर रियल एस्टेट बाजार में एक क्रांति ला दी है, संपत्ति की लागत से लेकर फिल्म सिटी और लॉजिस्टिक्स पार्क जैसे बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचागत विकास तक हर पहलू पर इसका प्रभाव दिख रहा है। जो घर खरीदार बेहतरीन कनेक्टिविटी के साथ उपनगरीय जीवन की तलाश में हैं, उनके बीच जेवर की मांग बढ़ती जा रही है। यह क्षेत्र निश्चित रूप से उत्तर भारत के रियल्टी बाजार में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।