झांसी: बुंदेलखंड राज्य निर्माण में देरी, बुंदेलियों का सब्र टूटा, सरकार को कोपभाजन का डर

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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झांसी: बुंदेलखंड राज्य निर्माण में देरी, बुंदेलियों का सब्र टूटा, सरकार को कोपभाजन का डर

झांसी, सुल्तान आब्दी: बुंदेलखंड राज्य निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में बुंदेलखंड राज्य के गठन की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया। ज्ञापन में राज्य निर्माण में हो रही देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो बुंदेलियों का आक्रोश सरकार के लिए भारी पड़ सकता है।

ज्ञापन में मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय ने याद दिलाया कि गत लोकसभा (2014) चुनाव के दौरान झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती, तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड की जनता से वादा किया था कि तीन साल के भीतर बुंदेलखंड राज्य का निर्माण कर दिया जाएगा। हालांकि, वादे के 3 साल तो क्या, अब 11 साल पूरे होने को आ रहे हैं, लेकिन राज्य निर्माण की दिशा में कोई ठोस प्रगति दिखाई नहीं दे रही है।

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ज्ञापन में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकारों द्वारा गठित बुंदेलखंड विकास बोर्ड और बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण का उल्लेख किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी, बांदा, जालौन, हमीरपुर, ललितपुर, चित्रकूट एवं महोबा के सात जनपदों को मिलाकर बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया है। इसी प्रकार, मध्य प्रदेश सरकार ने सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, दतिया एवं निवाड़ी को मिलाकर बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण बनाया है। केंद्र सरकार ने भी इन्हीं जिलों को बुंदेलखंड मानते हुए बुंदेलखंड पैकेज आवंटित किया था।

हालांकि, बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा का मानना है कि वास्तविक और अखंड बुंदेलखंड राज्य का निर्माण इन क्षेत्रों के साथ-साथ लहार, पिछोर, करेरा, गोहांड, चंदेरी, गंजबासौदा, कटनी, सतना का चित्रकूट आदि क्षेत्रों को जोड़कर किया जाना चाहिए। ज्ञापन में केंद्र सरकार से पुरजोर मांग की गई कि इस दिशा में तेजी से कदम उठाए जाएं और शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी प्रदान की जाए, जिससे राज्य निर्माण की प्रक्रिया साकार रूप लेना प्रारंभ कर सके।

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भानू सहाय ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बुंदेलियों का सब्र अब टूटता जा रहा है और यदि सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया तो उसे बुंदेलखंड के लोगों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ सकता है।

ज्ञापन सौंपते समय मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने देश की सेना पर गर्व व्यक्त करते हुए नारे लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के पास बारह हजार स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले लोगों की सूची उपलब्ध है और यदि फौज, सरकार या प्रशासन को किसी भी वांछित रक्त समूह की आवश्यकता होती है, तो मोर्चा उन्हें रक्त उपलब्ध करवाने का हर संभव प्रयास करेगा।

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ज्ञापन भेंट करने वाले प्रमुख लोगों में भानू सहाय, रघुराज शर्मा, हमींदा अंजुम, प्रदीप नाथ झा, कुँअर बहादुर आदिम, हनीफ खान, अनिल कश्यप, उत्कर्ष साहू, गोलू ठाकुर, विकास पुरी, ब्रजेश राय, राम जी सिंह पारीछा, रजनीश श्रीवास्तव, सचिन साहू, अभिषेक तिवारी, कलाम कुरैशी, प्रेम सपेरा, प्रभू दयाल कुशबाहा, राकेश त्रिपाठी, सुरेन्द्र यादव, कुलवंत सिंह खालसा, अभिषेक कनौजिया, चन्द्र कुमार झाँ, राजेन्द्र कुमार, बट्टा गुरु, हरीश बीरू, हेमन्त शर्मा, कल्यान सिंह पारीछा, कुन्ती राय हसारी, सूफिया वेगम राजगढ, शाहजहां बेगम हसारी, बोबी बेगम हसारी, आबदा खान, मुनीर अहमद, सलमान, शान्ति राजगढ, क्रान्ति, सिमरन और ज्योति आदि शामिल थे।

 

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