झांसी, सुल्तान आब्दी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में खनिज विभाग की कथित मिलीभगत से नियमों को ताक पर रखकर घनी आबादी वाले इलाके में जेसीबी मशीन से अवैध खुदाई का मामला सामने आया है। जेल की दीवार के पास स्थित एक बाड़े में बिना किसी अनुमति के बेसमेंट बनाया जा रहा है। शिकायत मिलने के बावजूद, जब खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो खुदाई करने वाली जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर-ट्रॉली वहां से गायब हो चुकी थीं, जिससे विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
शासन के नियमों का उल्लंघन
गौरतलब है कि किसी भी निर्माण कार्य, खासकर घनी आबादी वाले इलाके में, शुरू करने से पहले शासन के निर्देशानुसार कई विभागों से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी कारणों से कोई भी विभाग घनी आबादी वाले क्षेत्र में जेसीबी मशीन से बेसमेंट खोदने की अनुमति आसानी से नहीं देता।
जेल मार्ग पर अवैध खुदाई
जानकारी के अनुसार, वन विभाग से जेल जाने वाले रास्ते पर स्थित एक बाड़े में दिन दहाड़े जेसीबी मशीन से बेसमेंट की खुदाई चल रही थी। हैरानी की बात यह है कि इस खुदाई के लिए खनिज विभाग से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी।
खनिज अधिकारी का गोलमोल जवाब
जब इस संबंध में खनिज अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके विभाग से इस खुदाई के लिए कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि वह तुरंत टीम को मौके पर भेजकर निरीक्षण कराएंगे।
टीम पहुंचने से पहले गायब हुई मशीनरी
हालांकि, खनिज विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही, नियमों को धता बताते हुए खुदाई में लगी जेसीबी मशीन और मिट्टी ढोने वाली दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉली वहां से तेजी से निकल गईं। जब खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो वहां सब कुछ शांत था और खुदाई का कोई निशान मौजूद नहीं था।
खानापूर्ति कर लौटी खनिज विभाग की टीम
खनिज विभाग की टीम मौके पर केवल खानापूर्ति करती हुई नजर आई और बिना किसी ठोस कार्रवाई के वापस लौट गई। इस घटना ने इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है और खनिज विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि विभाग की मिलीभगत के बिना घनी आबादी वाले इलाके में इतनी बड़ी अवैध खुदाई संभव नहीं है।
अब देखना यह होगा कि इस मामले में जिला प्रशासन क्या संज्ञान लेता है और क्या अवैध खुदाई करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है। फिलहाल, झांसी में नियमों को ताक पर रखकर चल रही इस अवैध गतिविधि ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।