झाँसी, उत्तर प्रदेश, सुल्तान आब्दी: झाँसी में पानी की समस्या को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। वार्ड संख्या 48 के मुस्लिम पार्षद ने गंभीर आरोप लगाया है कि जल निगम के जेई (जूनियर इंजीनियर) ने उनसे स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके वार्ड में काम नहीं होगा। इस आरोप के बाद से राजनीतिक गलियारों और जनता के बीच गहरा आक्रोश देखा जा रहा है, क्योंकि वार्ड की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है।
पार्षद ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो क्षेत्र की जनता एक बड़ा आंदोलन करेगी। इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर निर्माण विभाग, जल निगम और संबंधित जेई को जिम्मेदार ठहराया है। पार्षद का सवाल है कि “आखिर भाजपा सरकार में कब रुकेगा मुस्लिमों का दोहन?”
जेई पर गंभीर आरोप: “मुस्लिम बस्तियों में नहीं होगा काम”
निवेदन पत्र में पार्षद ने कहा है कि निर्माण शाखा, जल निगम, झाँसी में पिछले कई वर्षों से तैनात जेई रवि शुक्ला के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। पार्षद के अनुसार, जेई रवि शुक्ला ने उनसे कहा है कि “माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने स्पष्ट कहा है कि मुस्लिम बस्तियों में कार्य नहीं कराया जाएगा और न ही उनको ‘हर घर जल, हर घर नल’ का लाभ दिया जाएगा।” पार्षद ने यह भी आरोप लगाया कि जेई ने उन्हें धमकी देते हुए कहा, “यदि ज्यादा नेतागिरी करोगे तो तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लिखाकर, ठीक कर दिया जाएगा, क्योंकि सरकार हमारी है।”
अमृत योजना में लापरवाही का आरोप
पार्षद ने बताया कि उनके वार्ड संख्या- 48 मेवातीपुरा, इतवारीगंज, भांडेरीगेट, अंदर उन्नाव गेट और वार्ड में सम्मिलित अन्य मोहल्लों को अमृत योजना जोन – 2 बी दरीगरान में शामिल करते हुए एक टंकी का निर्माण करवाया गया था। अमृत योजना के तहत ‘टहल कंपनी’ को ठेका दिया गया था, जिसने वार्ड में कुछ स्थानों पर पाइपलाइन तो डाली, लेकिन बीच में ही काम बंद कर दिया।
इसके बाद, वार्ड के छूटे हुए मोहल्लों जैसे दरीगरान, मेवातीपुरा, सिजरिया कॉलोनी, सराय मोहल्ला, खटकयाना को अमृत योजना 2.0 में शामिल किया गया, जिसमें टंकी से लेकर कुछ दूरी तक मुख्य पानी की पाइपलाइन भी शामिल थी। इसका टेंडर सुधाकरा इन्फोटेक प्रा. लि. (मेट्रो रेजिडेंसी, 304 राज भवन रोड, हैदराबाद) को दिया गया था। आरोप है कि बार-बार संपर्क करने के बावजूद लगभग 9 महीने बीत जाने के बाद भी उक्त कंपनी ने पाइपलाइन डालने का काम शुरू नहीं किया है। इससे मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘हर घर जल, हर घर नल’ को ग्रहण लगता दिख रहा है।
टेस्टिंग पर भी सवाल, जनता परेशान
पार्षद ने बताया कि कई क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें न तो ‘टहल कंपनी’ ने और न ही अमृत योजना 2.0 में शामिल किया गया है। साथ ही, उन्नाव गेट से इतवारी गंज होते हुए दरीगरान तक मुख्य पाइपलाइन भी नहीं डाली गई है। इसके बावजूद, समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है कि इन क्षेत्रों में लाइनों की टेस्टिंग शुरू हो गई है। पार्षद और क्षेत्र की जनता के लिए यह बात समझ से परे है कि जब मुख्य पाइपलाइन ही नहीं डाली गई है, तो कनेक्टिविटी किससे जोड़ी जा रही है और किस प्रकार से टेस्टिंग की जा रही है।
पार्षद ने उच्चाधिकारियों से अनुरोध किया है कि मामले की गहन जाँच कराकर, झूठी और भ्रामक रिपोर्ट शासन को भेजने वाले जेई रवि शुक्ला के साथ-साथ टहल कंपनी और सुधाकरा इन्फोटेक प्रा. लि. के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। साथ ही, क्षेत्र में मुख्य पाइपलाइन और छूटे हुए क्षेत्रों में पाइपलाइन डलवाते हुए, वार्ड में नलों के कनेक्शन करवाने हेतु संबंधित को आदेशित करने का कष्ट करें।