झांसी, सुल्तान आब्दी: झांसी के श्री जी हॉस्पिटल में देर रात उस समय भारी हंगामा खड़ा हो गया, जब डायलिसिस पर भर्ती एक मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई। मरीज की मौत के बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर और समस्त स्टाफ मरीज की महत्वपूर्ण फाइल लेकर अस्पताल से फरार हो गए। वहीं, मरीज की मौत की खबर सुनते ही परिजनों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा, डॉक्टरों पर इलाज में घोर लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगाए।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, दतिया, मध्य प्रदेश निवासी 20 वर्षीय मोनू खान की पित्त की थैली में संक्रमण (इंफेक्शन) था। इसी बीमारी के इलाज के लिए परिजनों ने मोनू को झांसी के श्री जी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। परिजनों का कहना है कि मोनू का दो दिन से अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन दो दिन के इलाज के बाद उपचार के दौरान ही मोनू की मौत हो गई।
परिजनों के गंभीर आरोप: डॉक्टरों की गैर-मौजूदगी और स्टाफ द्वारा इलाज
मृतक मोनू खान के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि पिछले दो दिनों से किसी भी डॉक्टर ने मोनू का इलाज नहीं किया। बल्कि, अस्पताल के सामान्य स्टाफ द्वारा ही उसका उपचार किया जा रहा था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों की इसी लापरवाही के चलते उनके मरीज मोनू खान की मौत हो गई।
मोनू की मौत और अस्पताल स्टाफ के भागने के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और न्याय की मांग की।
पुलिस मौके पर, शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू
हंगामे की सूचना मिलते ही सीओ सिटी सहित नवाबाद थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया और परिजनों को शांत कराया। इसके बाद, पुलिस ने मोनू खान के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा और उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परिजनों के आरोपों की भी गहनता से जांच की जाएगी।