झांसी (सुल्तान आब्दी)। संघर्ष सेवा समिति, जो असहाय और निर्धन कन्याओं के विवाह में वर्षों से सहयोग करती आ रही है, ने एक बार फिर दो बहनों को उनके नए जीवन की शुरुआत के लिए विदा किया। हंसारी निवासी कंचन अहिरवार और रेलवे कॉलोनी निवासी मोनिका देवरिया, संघर्ष सेवा समिति के माध्यम से कलर्स ब्यूटी पार्लर में सज-धज कर समिति कार्यालय पहुंचीं।
यहां समिति के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी ने दोनों बहनों के पैर धोकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उपहार स्वरूप ट्रॉली बैग, किचन सैट, साड़ी एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं भेंट कीं। कंचन अहिरवार ने बचपन में ही अपने माता-पिता का साया खो दिया है और उनके भाई मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। वहीं, मोनिका के पिता राजेंद्र कुमार एक ऑटो चालक हैं।
संघर्ष सेवा समिति के सदस्यों के माध्यम से कंचन और मोनिका के परिजन समिति कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने विवाह के संबंध में बात रखी थी। मोनिका की बहन शिखा का विवाह भी पूर्व में संघर्ष सेवा समिति कार्यालय से ही संपन्न हुआ था।
विदा होते समय दोनों बहनों ने भावुक होकर डॉ० संदीप को दीर्घायु का आशीर्वाद दिया और कहा कि संदीप भैया समाज सेवा के क्षेत्र में बहुत सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और समाचारों के माध्यम से उन्हें समिति के कार्यों की जानकारी मिलती रहती है और जनपद में कई समाजसेवी होने के बावजूद डॉ० संदीप के बराबर समाज सेवा कोई नहीं करता। बहनों ने कहा कि संघर्ष सेवा समिति कार्यालय आकर उन्हें परिवार जैसा अनुभव मिला और अन्य लोगों को भी डॉ० संदीप से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर जिले में 20 लोग भी डॉ० संदीप की तरह समाज सेवा करें, तो संभवतः कोई भी कन्या अपने विवाह में किसी भी चीज के लिए मोहताज नहीं रहेगी।
दोनों बहनों को विदा करते हुए डॉ० संदीप ने कहा कि कन्यादान को शास्त्रों में महादान माना गया है और उनकी समिति ने अब तक कई कन्याओं के पैर पखारकर उन्हें विदा किया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्हें कई बार यह अनुभव हुआ कि वे साक्षात मां जगदंबा के पैर पखार रहे हों। डॉ० संदीप ने कहा कि यदि आपके विचार सकारात्मक हों, तो निश्चित रूप से लोग आत्मीयता के साथ आपसे जुड़ेंगे और आपके मन में कभी किसी के प्रति बुरे विचार नहीं आएंगे। उन्होंने देश के सभी नागरिकों से अपील की कि यदि उनके समक्ष कोई भी असहाय या पीड़ित व्यक्ति अपनी व्यथा लेकर आए, तो निश्चित रूप से अपनी क्षमतानुसार उसकी सहायता अवश्य करें।
इस अवसर पर संदीप नामदेव, सुशांत गुप्ता, बसंत गुप्ता, कंचन राजगढ़, सोनू अहिरवार, आशीष विश्वकर्मा, अरुण पांचाल, राकेश अहिरवार, महेंद्र रायकवार, शिखा देवरिया, सूरज प्रसाद वर्मा, दिलीप, आरती, अनिल आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।