झांसी: वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर NDRF और रेलवे का सफल मॉक ड्रिल, आग बुझाने और यात्रियों को बचाने का अभ्यास

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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झांसी: वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर NDRF और रेलवे का सफल मॉक ड्रिल, आग बुझाने और यात्रियों को बचाने का अभ्यास

झांसी, सुल्तान आब्दी: उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल में आज राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) टीम के साथ रेलवे द्वारा एक संयुक्त अभ्यास के तहत एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन पर किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसी आपातकालीन स्थिति, विशेष रूप से ट्रेन में आग लगने पर, त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया का परीक्षण करना था।

आग लगने और बचाव कार्य का सफल अभ्यास

इस मॉक ड्रिल के दौरान, ‘समर स्पेशल’ (काल्पनिक नाम) नामक एक ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगने की स्थिति का अभ्यास किया गया। ड्रिल में आग बुझाने और यात्रियों को सुरक्षित निकालने के सभी चरणों का सफलतापूर्वक अभ्यास किया गया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें अपर मंडल रेल प्रबंधक/ओपी नन्दीश शुक्ल, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (सी एंड डब्लू प्रयागराज) ओ.पी. सिंह, और वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी गिरीश कंचन शामिल थे, ने अपनी टीमों के साथ इसमें भाग लिया।

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एनडीआरएफ की ओर से कमान्डेंट पंकज मिश्रा और सहायक उपनियंत्रक नागरिक सुरक्षा सुनील सिंह भी अपनी टीमों के साथ राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रहे।

बहु-विभागीय समन्वय का प्रदर्शन

इस मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों के बीच उत्कृष्ट समन्वय देखने को मिला। सिविल पुलिस प्रशासन, जिलाधिकारी कार्यालय, सिविल चिकित्सा विभाग, रेलवे चिकित्सा विभाग, जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस), आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), और फायर ब्रिगेड के अधिकारी अपनी पूरी टीमों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में सम्मलित रहे। इन सभी विभागों के सामूहिक प्रयासों से, डिब्बे में आग लगने पर आग को सफलतापूर्वक बुझाया गया और यात्रियों को समुचित समय में सुरक्षित बाहर निकाला गया।

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अभ्यास के दौरान, आग लगे कोच में फंसे हुए कुल 02 मृत (काल्पनिक) और 11 सामान्य तथा गंभीर घायल (काल्पनिक) यात्रियों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इसके बाद, घायल यात्रियों को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। इस मॉक ड्रिल में स्काउट गाइड के सदस्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों में सहायता की।

सभी विभागों की त्वरित सहभागिता से फैली आग पर सफलतापूर्वक नियंत्रण स्थापित किया गया। अंत में, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी द्वारा मॉक ड्रिल के सफल आयोजन की घोषणा की गई, जो भविष्य में ऐसी किसी भी वास्तविक आपदा से निपटने के लिए तैयारियों को दर्शाता है।

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