आगरा में मां कामाख्या देवी की कलश यात्रा: भक्ति और उत्साह का संगम, सिर पर मंगल कलश और मुख पर माहामाई के जयकार

Jagannath Prasad
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आगरा। मेहंदी रचे हाथों में मंगल कलश उठाए हर श्रद्धालु के मुख से महामायी के जयकारे गूंज रहे थे। मां कामाख्या देवी के श्रद्धा के इस सैलाब में लगभग डेढ़ हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। ढोल नगाड़ों पर झूमते गाते भक्तजनों की राह में जगह-जगह पुष्प बिखरे थे।

कुछ ऐसा ही नजारा था गुप्त नवरात्रों में आगरा में महामाई कामाख्या देवी का ग्यारह दिवसीय अनुष्ठान सहस्त्र चंडी 108 कुण्डीय महायज्ञ के तहत 10-20 फरवरी तक आयोजित होने जा रही कलश यात्रा का। कलश यात्रा का शुभारम्भ शास्त्रीपुरम स्थित जोनल पार्क से हुआ, तिकोनिया पार्क चर्चित चौराहा होते हुए कलश यात्रा ने महायज्ञ स्थल जेसीबी चौराहा सुनारी पर विश्राम लिया।

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प्रथम चांदी का कलश वंदना मेड़तवाल ने उठाया। सर्वप्रथम विघ्न विनाशक गणपति की सवारी के साथ में बग्गी में विराजमान थे आसाम से आए संत श्री कीर्तिनाथ महाराज के गुरु गोपालदास जी महाराज। कलश यात्रा के कथा स्थल पर पहुंचने पर संत श्री कीर्तिनाथ महाराज ने सभी कलशों को विधि विधान के साथ स्थापित कराया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से बबिता चौहान, प्रवीना राजावत, मुरारीप्रसाद अग्रवाल, अजय गोयल, हरिप्रसाद राजपूत, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, मुन्ना मिश्रा, मीना अग्रवाल, सीमा गोयल, बबिता पाठक, रेका खंडेलवाल, रंजना राजपूत, जानकी पाराशर, अंशिका गुप्ता, ममता सिंघल, निशा सिंघल, रेखा ठाकुर आदि उपस्थित थीं।

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