आरोपी महिला का खुलासा

पुलिस की पूछताछ में आरोपी महिला साकिरा फातिमा ने बताया कि उसकी शादी को 10 साल हो गए थे, लेकिन अब तक उसे बच्चा नहीं हुआ था। इसलिए उसने बच्ची को चुराने का मन बनाया। महिला ने कहा कि 29 मार्च की शाम 5 बजे, वह बेकनगंज में खरीदारी कर रही थी, तभी उसे एक बच्ची सड़क किनारे खड़ी दिखी। महिला ने बच्ची को पसंद किया और उसकी हाथ पकड़कर उसे साथ ले गई।
महिला ने बताया कि बच्ची ने उसे कोई विरोध नहीं किया और बिना कुछ कहे उसकी बात मान ली। महिला ने बच्ची को बेकनगंज से करीब 20 किलोमीटर दूर गंगापुल के पास स्थित दर्शनपुरवा में अपने पास रखा और वह बच्ची उसे मां मानने लगी थी।
पुलिस की 7 टीमों द्वारा तलाशी अभियान
बेकनगंज थाना प्रभारी मतीन खान ने बताया कि 29 मार्च को बच्ची के परिजनों ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने बच्ची की तलाश के लिए सात अलग-अलग टीमों का गठन किया था। पुलिस टीम ने बेकनगंज से लेकर जाजमऊ और गंगापुल तक 450 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला, जिससे आरोपी महिला तक पहुंचने में मदद मिली।
चंदौली में बच्चे का अपहरण
वहीं, चंदौली में एक और बच्चे के अपहरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जो ट्रेन से बच्चे को लेकर बिहार भागने की कोशिश कर रहा था। आरोपी का नाम प्रभात है, और उसने अपने दोस्त गोपाल के बेटे का अपहरण किया था।
प्रभात का बदला
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह और गोपाल अयोध्या रामजन्मभूमि के पास एक मूर्ति की दुकान चला रहे थे। उन्होंने गोपाल को साढ़े चार लाख रुपये दिए थे, और दोनों में यह समझौता हुआ था कि दुकान के मुनाफे को आधा-आधा बांटा जाएगा। लेकिन गोपाल अपने वादे से मुकर गया और पैसे नहीं दिए। बदला लेने के लिए प्रभात ने गोपाल के मासूम बेटे को किडनैप कर लिया।
आरपीएफ ने किया बच्चे को बरामद
आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि एक युवक 15 महीने के बच्चे का अपहरण कर भाग रहा है और डीडीयू के रास्ते बिहार जा रहा है। सूचना मिलते ही आरपीएफ की टीम सक्रिय हो गई और ट्रेनों की जांच शुरू कर दी।
सर्च के दौरान जम्मूतवी कोलकाता एक्सप्रेस के जनरल कोच में मासूम बच्चा मिल गया। आरोपी को पकड़कर उससे पूछताछ की गई, जिसके बाद उसने पूरी घटना का खुलासा किया। अयोध्या पुलिस को सूचित किया गया, और पुलिस टीम ने बच्चा आरोपी से लेकर उसके परिजनों को सौंप दिया।
पिता ने आरपीएफ को धन्यवाद दिया
मासूम बच्चे को वापस पाकर उसके पिता गोपाल ने आरपीएफ की टीम का धन्यवाद किया और उनके प्रयासों की सराहना की। यह घटना पुलिस की तत्परता और कड़ी मेहनत का परिणाम है, जो बच्चों के सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।