कासगंज, उत्तर प्रदेश: जिला कांग्रेस कमेटी ने आज, महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर, उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। गांधीमूर्ति कैम्प कार्यालय पर आयोजित एक सादे और गरिमामय समारोह में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
जिलाध्यक्ष ने बताया रामायण का महत्व
समारोह में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने भारतीय समाज को एक ऐसा आदर्श ग्रंथ दिया है, जो हमें धर्म, कर्म और मर्यादा के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। यह ग्रंथ हमें सिखाता है कि विषम परिस्थितियों में भी कैसे मानवीय मूल्यों और नैतिकता को बनाए रखा जाए।” जिलाध्यक्ष ने महर्षि को नमन करते हुए उनके सिद्धांतों पर चलने का आह्वान किया।
वाल्मीकि का जीवन आंतरिक परिवर्तन की कहानी: मुनेन्द्रपाल सिंह राजपूत
इस अवसर पर एआईसीसी सदस्य मुनेन्द्रपाल सिंह राजपूत ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन दर्शन पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि महर्षि का जीवन चरित्र हमें सिखाता है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति अपनी विषम परिस्थितियों से निकलकर महान संत बन जाता है।
राजपूत ने अपने उद्बोधन में कहा, “महर्षि वाल्मीकि की कहानी वास्तव में आंतरिक परिवर्तन (Internal Transformation) की एक प्रेरणादायक गाथा है। यह हमें यह विश्वास दिलाती है कि किसी भी व्यक्ति का अतीत उसके भविष्य को निर्धारित नहीं करता। दृढ़ संकल्प और सही मार्गदर्शन से कोई भी व्यक्ति महानता हासिल कर सकता है।”