आगरा। खेरागढ़ स्थित भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शाखा प्रबंधक पर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगने से हड़कंप मच गया है। यह मामला तब सामने आया जब बैंक की एक पूर्व कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें बैंक मैनेजर पर घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इस वीडियो के वायरल होते ही पूरे इलाके में इसकी चर्चा तेज हो गई, और इसके बाद से बैंक प्रशासन और मैनेजर की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।
वायरल वीडियो में क्या था?
वीडियो में एक पूर्व कर्मचारी ने एसबीआई की शाखा प्रबंधक को घूस लेने और अवैध रूप से पैसे वसूलने के आरोप में पकड़ा। वीडियो में दिखाया गया कि शाखा प्रबंधक विभिन्न तरीकों से ग्राहकों से लोन पास कराने, फंड ट्रांसफर, और अन्य बैंकिंग कार्यों के लिए अवैध शुल्क ले रही थीं। इस वीडियो को देखकर कई स्थानीय नागरिकों ने इसकी सच्चाई की पुष्टि की और कहा कि बैंक में इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं, लेकिन अब तक ठोस प्रमाण सामने नहीं आए थे।
ऑडियो से खुलासा
वायरल वीडियो के बाद इस मामले से जुड़ा एक और ऑडियो सामने आया, जिसमें बैंक मैनेजर अपने पूर्व एजेंट को धमकाती हुई सुनाई दे रही थीं। इस ऑडियो में वह भ्रष्टाचार के आरोपों को दबाने की कोशिश कर रही थीं और यह साफ तौर पर दिखा कि वह मामले को लेकर परेशान और घबराई हुई थीं। इस ऑडियो ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है, क्योंकि इसमें बैंक मैनेजर की आपत्तिजनक बातों का स्पष्ट प्रमाण मिलता है।
बैंक प्रशासन पर सवाल
बैंक की इस शाखा में इस तरह के आरोप पहले भी लग चुके थे, लेकिन यह पहली बार है जब कोई ठोस प्रमाण सामने आया है। ग्राहक और स्थानीय लोग बैंक प्रशासन से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रहे हैं। कुछ ग्राहकों ने बताया कि बैंक में पहले भी लोन पास कराने, फंड ट्रांसफर और अन्य कार्यों के लिए अवैध वसूली के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई थी।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की जाती, तो बैंक की साख पर गंभीर असर पड़ेगा और आम जनता का भरोसा बैंकिंग व्यवस्था पर कमजोर हो जाएगा।
क्या बैंक प्रशासन करेगा कार्रवाई?
बैंक प्रबंधन पर यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह इस मामले में ठोस कदम उठाएगा या फिर इसे अन्य घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा। अगर समय रहते इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तो न केवल बैंक की छवि पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि समाज में यह संदेश जाएगा कि बैंकिंग क्षेत्र में भ्रष्टाचार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय अधिकारियों से उम्मीद
अब इस पूरे मामले की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुँच चुकी है और जनता की उम्मीदें इस पर कार्रवाई को लेकर बढ़ गई हैं। स्थानीय लोग और बैंक के ग्राहक आशा करते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और अगर बैंक मैनेजर दोषी पाई जाती हैं तो उसे सख्त सजा मिले। साथ ही, इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए बैंक प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए।