एटा। किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने इस बार धान की उन्नत किस्मों का 1600 क्विंटल अनुदानित बीज भेजा है, जिसे केवल पंजीकृत किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराना था। लेकिन कृषि विभाग में चल रही गड़बड़ियों ने इस योजना को संदेह के घेरे में ला दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से अपंजीकृत किसानों को पूरा मूल्य वसूल कर बीज बेचा जा रहा है। अनुदान की कटौती के बाद यह बीज पंजीकृत किसानों को 38 रुपये प्रति किलो की दर से मिलना चाहिए, लेकिन अपंजीकृत किसानों से 65 रुपये प्रति किलो वसूले जा रहे हैं। यानी प्रति किलो लगभग 27 रुपये का घोटाला किया जा रहा है।
रियायती दरों पर बीज पाने के लिए कृषि केंद्रों पर इन दिनों किसानों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। मानसून नजदीक आने से किसान धान की पौध की तैयारी में जुटे हैं और उन्हें जल्द से जल्द बीज की जरूरत है। इसी हड़बड़ी और जानकारी के अभाव का फायदा उठाकर कुछ कर्मचारी मोटी कमाई कर रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अपंजीकृत किसानों को बेचे जा रहे बीज की एंट्री पंजीकृत किसानों के नाम पर की जा रही है, जिससे सरकारी रिकॉर्ड में गड़बड़ी पकड़ में न आए और अनुदान की राशि का गबन किया जा सके। अब किसानों में इस गड़बड़ी को लेकर नाराजगी दिखाई दे रही है।