नेता गायब, भक्तों ने संभाली यमुना तलहटी की सफाई: आगरा में गंगा दशहरा से पहले जन आंदोलन

Faizan Khan
6 Min Read
नेता गायब, भक्तों ने संभाली यमुना तलहटी की सफाई: आगरा में गंगा दशहरा से पहले जन आंदोलन

आगरा, उत्तर प्रदेश: ताज नगरी आगरा की जीवनदायिनी यमुना नदी आज अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही है। प्रदूषण और उपेक्षा ने इसे एक विषैले नाले में बदल दिया है। इसी गंभीर चिंता को देखते हुए, रविवार सुबह एत्माद्दौला व्यू प्वाइंट पर यमुना सफाई महोत्सव का आयोजन किया गया, जहाँ शहरवासी, पर्यावरणविद् और नगर निगम के कर्मचारी एकजुट होकर नदी की तलहटी को स्वच्छ करने में जुटे। इस दौरान भारी मात्रा में कचरा निकाला गया, लेकिन इस जन-अभियान से स्थानीय नेताओं की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

यमुना का दर्द: कचरे का ढेर और मृत जलीय जीवन

आगरा, जो अपने विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के लिए जाना जाता है, अपनी पहचान के लिए यमुना नदी पर भी निर्भर करता है। यह नदी न केवल शहर के जीवन का आधार है, बल्कि इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी अभिन्न अंग है। हालांकि, आज यमुना का जल विषाक्त हो चुका है, और इसके किनारे कचरे के ढेर में तब्दील हो गए हैं।

See also  आगरा :फतेहपुर सीकरी में पुलिस की तानाशाही ने बढ़ाया तनाव डकैतों की तरह घर में घुसी पुलिस, मचाया जमकर उत्पात, लाइसेंसी राइफल जब्त

नेशनल एनवायरनमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, आगरा में यमुना का जल इतना प्रदूषित हो चुका है कि इसका ऑक्सीजन स्तर शून्य के करीब है, जिससे जलीय जीवन लगभग समाप्त हो चुका है। नदी में जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (BOD) स्तर 30 मिलीग्राम/लीटर से अधिक है, जो स्वच्छ जल के लिए निर्धारित 3 मिलीग्राम/लीटर की सीमा से कहीं ज़्यादा है।

जनता की पहल: सफाई महोत्सव में दिखा उत्साह

रविवार सुबह आयोजित यमुना सफाई महोत्सव में स्थानीय नागरिकों, छात्रों और पर्यावरण संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रिवर कनेक्ट कैंपेन के बृज खंडेलवाल ने कहा, “यमुना केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता की धमनी है। इसकी सफाई केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।” इस अभियान में युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई घंटों तक कचरा हटाने में श्रमदान किया। कई ट्रैक्टरों में भरकर पॉलीथिन, प्लास्टिक कचरा, खंडित मूर्तियाँ और घरेलू सामान के अवशेष निकाले गए, जिससे लगभग डेढ़ एकड़ क्षेत्र को कचरे से मुक्त किया गया।

नेताओं की अनुपस्थिति: क्या यमुना की सफाई सिर्फ जन आंदोलन तक सीमित?

हालांकि, इस महत्वपूर्ण आयोजन में आगरा के मेयर, विधायक और सांसद सहित स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए। क्या यमुना की सफाई केवल जन आंदोलन तक ही सीमित रहेगी? रिवर कनेक्ट कैंपेन के जगन प्रसाद तेहरिया ने उम्मीद जताई कि आगामी गंगा दशहरा (5 जून 2025) के लिए होने वाले सफाई अभियान में नेता और उनके समर्थक सक्रिय रूप से भाग लेंगे।

See also  भू-राजस्व की वसूली में असफलता पर आगरा में चार अचल संपत्तियां जब्त

धार्मिक और पर्यावरणीय चेतावनी

पर्यावरणविद् डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने चेतावनी दी, “यमुना आज जीवनदायिनी नहीं, बल्कि विषैला जलाशय बन चुकी है। इसका पानी इतना दूषित है कि इससे त्वचा रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो यमुना केवल इतिहास की किताबों में रह जाएगी।”

यमुना आरती महंत पंडित जुगल किशोर ने कहा, “यमुना की पवित्रता को बचाना हमारा धार्मिक कर्तव्य है। यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति को जीवित रखने का संकल्प है।” डॉ. हरेंद्र गुप्ता ने जोर देकर कहा, “यमुना के बिना आगरा और समूचा ब्रज मंडल अधूरा है।”

गंगा दशहरा की तैयारी और नागरिकों की जिम्मेदारी

आगरा नगर निगम के अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे यमुना की सफाई के प्रति जागरूक रहें और गंगा दशहरा के अवसर पर 5 जून को होने वाले बड़े सफाई अभियान में हिस्सा लें। आंकड़ों के अनुसार, आगरा में यमुना में प्रतिदिन 150 मिलियन लीटर से अधिक अनुपचारित सीवेज डाला जा रहा है। इसके अलावा, स्थानीय उद्योगों से निकलने वाला रासायनिक कचरा और धार्मिक गतिविधियों में प्रयुक्त सामग्री नदी को और प्रदूषित कर रही है।

See also  आगरा की ट्रैफिक जाम से मुक्ति और भैरों नाले के सौंदर्यीकरण की मांग, रिवर कनेक्ट कैंपेन ने नगर आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

रिवर कनेक्ट कैंपेन के चतुर्भुज तिवारी, राहुल और दीपक ने भी सभी आगरावासियों से यमुना को पुनर्जीवन देने में योगदान देने की अपील की है। यमुना की सफाई केवल सरकारी योजनाओं या अभियानों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक नागरिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि नदी में कचरा न डाला जाए। स्थानीय प्रशासन को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को और प्रभावी करना होगा और औद्योगिक कचरे पर सख्त नियंत्रण लागू करना होगा।

आइए, हम सब मिलकर यमुना को फिर से स्वच्छ, जीवंत और पवित्र बनाएँ, ताकि यह नदी न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर बनी रहे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जीवन का आधार बने।

ALso Read : अजीत नगर बाजार कमेटी ने उठाई नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल: तिरंगा चौक की दुर्दशा से व्यापारी चिंतित

Also Read :

 

See also  भू-राजस्व की वसूली में असफलता पर आगरा में चार अचल संपत्तियां जब्त
Share This Article
Follow:
फैजान खान- संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार । "मैं पिछले 5 वर्षों से राजनीति और समाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहा हूं। इस दौरान, मैंने कई सामाजिक मुद्दों,ओर समस्याओं पर लेख लिखे हैं और लिखता आ रहा हु।
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement