कागारौल, आगरा। आगरा के कागारौल कस्बे में रविवार को भगवान परशुराम की शोभायात्रा बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ निकाली गई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था, जिन्होंने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया।
खेरागढ़ से अकोला मार्ग तक गूंजे जयकारे
यह शोभायात्रा खेरागढ़ मार्ग से शुरू हुई और अकोला मार्ग तक पहुंची, जहाँ महाआरती के बाद इसका समापन किया गया। शोभायात्रा में एक रथ पर भगवान परशुराम के स्वरूप में विश्रामपुर वाले राजकुमार शर्मा की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसने सभी श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
कस्बे के सर्व समाज ने एकजुट होकर शोभायात्रा का स्वागत किया और पुष्प वर्षा की। जगह-जगह लोगों ने भगवान परशुराम की आरती उतारी और विप्र समाज का अभिनंदन किया। इस अभूतपूर्व स्वागत से विप्र समाज अभिभूत हो गया। शोभायात्रा के मार्ग पर शर्बत और प्याऊ की व्यवस्था भी की गई थी, जिससे श्रद्धालुओं को राहत मिली।
बैंड बाजों की धुन पर श्रद्धालु उत्साहपूर्वक नृत्य करते हुए चल रहे थे, और भगवान परशुराम के जयकारों से पूरा कस्बा गूंज उठा। शोभायात्रा में श्रीगणेश, श्रीहनुमान, अयोध्या मंदिर, शेरावाली, श्रीराधाकृष्ण, और पर्यावरण से जुड़ी झांकियां भी शामिल थीं, जिन्होंने सभी का मन मोह लिया।
महाआरती और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
शोभायात्रा भोला मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, बड़ा मंदिर, कागारौल तिराहा होते हुए आर रावत पहुंची। यहीं पर महाआरती के बाद शोभायात्रा का भव्य समापन किया गया। समापन स्थल पर आयोजक मंडल ने अतिथियों का माला और साफा पहनाकर अभिनंदन किया।
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इस दौरान कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय, विधायक भगवान सिंह कुशवाहा, जिला पंचायत सदस्य अशोक रावत, गोविंद शर्मा, अधिवक्ता केके पचौरी, नेत्रपाल रावत, अचल रावत, पवन दुबे, सतीश उपाध्याय, मनीष मिश्रा, अशोक उपाध्याय, डॉ. कृष्ण गोपाल दुबे, रामनिवास रावत, शिव चरण उपाध्याय, हीरालाल उपाध्याय, दिनेश उपाध्याय, सचिन गोयल, अखिलेश उपाध्याय, राजेश उपाध्याय, मयंक उपाध्याय, वीरेंद्र मुदगल, शिवदयाल उपाध्याय, सुरेश चंद लवानियां, दिनेश लवानियां, हरिओम लवानियां, हीरालाल लवानियां, अरुण पचौरी, अशोक लवानियां, वीरेंद भोले, भगवती पचौरी, लक्ष्मी नारायण पचौरी, बंटी पचौरी सहित बड़ी संख्या में विप्र बंधु शामिल थे।
यह शोभायात्रा भगवान परशुराम के प्रति गहरी आस्था और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बनी, जहाँ सभी वर्गों के लोगों ने मिलकर इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाया।