आगरा। आगरा में चल रही नकली दवाइयों के खिलाफ कार्रवाई में एक नया मोड़ आ गया है। इस रैकेट का नेटवर्क अब आगरा से बाहर लखनऊ तक फैल चुका है। जांच में पता चला है कि ‘हे मां मेडिको’ ने लखनऊ के दो मेडिकल स्टोर को भी नकली दवाइयां सप्लाई की थीं, जिन्हें अब सील कर दिया गया है।
जांच अधिकारी को हटाए जाने पर क्यों उठ रहे सवाल?
इस बड़े खुलासे के बीच, जांच टीम में अचानक किए गए बदलाव से कई सवाल खड़े हो गए हैं। बस्ती के सहायक औषधि आयुक्त नरेश मोहन दीपक को अचानक जांच टीम से हटा दिया गया है। नरेश मोहन दीपक, जो पहले आगरा में ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर रह चुके हैं, दवा कारोबार की गहरी जानकारी रखते थे। यही वजह थी कि उन्हें इस विशेष जांच टीम में शामिल किया गया था।
उन्हें हटाने के फैसले का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, जिससे यह कदम संदेह के घेरे में आ गया है। इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या किसी बड़े कारोबारी को बचाने के लिए ऐसा किया गया है, या फिर खुद दीपक की भूमिका पर कोई संदेह था। जब तक शासन इस मामले पर कोई सफाई नहीं देता, तब तक यह चर्चा जारी रहेगी।
करोड़ों की नकली दवाएं सीज, जांच जारी
हे मां मेडिको के सभी गोदामों में मिली दवाओं की लिस्ट बनाई जा रही है और सभी को सीज कर दिया गया है। इन गोदामों से बरामद दवाओं की कीमत 6 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
फिलहाल, इस जांच का नेतृत्व आगरा के सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय कर रहे हैं। ड्रग विभाग और एसटीएफ की टीम ने बंसल मेडिकल स्टोर के गोदाम और दुकान की सील भी खोल दी है और वहां भी दवाओं की लिस्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि यहाँ भी करोड़ों रुपये की नकली और संदिग्ध दवाएं मिल सकती हैं।