प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – महाकुंभ प्रयागराज के तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। बसंत पंचमी के स्नान पर्व को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, गुरुवार से मेडिकल फोर्स को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है। इस बार महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया गया है। 360 बेड की क्षमता वाले 23 अस्पताल श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हुए हैं। इस बीच, स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए एक विशेष चिकित्सा टीम ने मेला क्षेत्र का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं का खास ध्यान
महाकुंभ मेला स्थल पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, स्वास्थ्य सुविधाओं में और विस्तार किया गया है। 360 बेड की क्षमता वाले 23 अस्पताल, जिनमें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और क्विक रिस्पांस सिस्टम शामिल हैं, श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए तैयार किए गए हैं। इसमें एक केंद्रीय अस्पताल, कई सेक्टर अस्पताल और संक्रामक रोगों के इलाज के लिए विशेष अस्पताल भी बनाए गए हैं।
डॉ. गौरव दुबे, महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा अधिकारी, ने बताया कि मेडिकल टीम और एम्बुलेंस, इमरजेंसी कॉल पर तुरंत मौके पर पहुंचने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम द्वारा माइनर इंजरी से लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज तक सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
क्विक रिस्पांस और तत्परता
महाकुंभ मेला क्षेत्र में क्विक रिस्पांस सिस्टम (QRS) के तहत सभी स्वास्थ्य सेवाएं तत्परता से कार्य कर रही हैं। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का दौरा करके एम्बुलेंस और इमरजेंसी सुविधाओं का निरीक्षण किया और तैनाती सुनिश्चित की। स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में, मेडिकल टीम और एम्बुलेंस मात्र कुछ मिनटों में मौके पर पहुंच सकें।
महाकुंभ में नए अस्पतालों का निर्माण
इस बार महाकुंभ में चिकित्सा सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई नए अस्पतालों का निर्माण किया गया है। इनमें से प्रमुख हैं:
- 100 बेड का अत्याधुनिक केंद्रीय अस्पताल
- 25 बेड के दो सब-सेंट्रल अस्पताल
- 20 बेड के आठ सेक्टर अस्पताल
- 20 बेड के दो संक्रामक रोग अस्पताल
इसके अतिरिक्त, 10 फर्स्ट एड पोस्ट भी तैयार किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को त्वरित उपचार मिल सके।
मौनी अमावस्या की भगदड़ और सुरक्षा इंतजाम
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर शासन-प्रशासन ने खास ध्यान रखा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन, हुए हादसे में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों को और भी मजबूत कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना के बाद अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक चुस्त-दुरुस्त किया जाए, जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित इलाज मुहैया कराया जा सके।
24 घंटे अलर्ट पर मेडिकल टीम
प्रशासन ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में 24 घंटे अलर्ट रहने वाली मेडिकल टीमों की तैनाती की है। इसके अलावा, एम्बुलेंस, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी पूरी तरह से तैयार हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकता: श्रद्धालुओं की सुरक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य उनके लिए प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी हों।