मैनपुरी (घिरोर) परिषदीय स्कूलों की दशा सुधारने के लिए चलाए गए आपरेशन कायाकल्प के बाद भी घिरोर क्षेत्र के परिषदीय माध्यमिक विद्यालयों की तस्वीर नहीं बदली जा सकी। ऐसे में असुविधा के बीच शिक्षण कार्य हो रहा है। स्कूलों में पेयजल व्यवस्था न होने की वजह से नौनिहाल को परेशान होना पड़ रहा है। शिक्षा व्यवस्था,के साथ अन्य कायाकल्प में कराए जाने वाले निर्माण कार्य भी बदहाल दिखाई पड़ रहे है। जिनकी जांच कराई जाएं तो हकीकत में कायाकल्प की पोल खुल सकती है।
पूरा मामला विकास खंड घिरोर के कनेगी स्थिति पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है जहां पर बने शौचालय ध्वस्त पड़े हैं। स्कूल में पेयजल के लिए टंकी की स्थापना कर रनिंग वाटर की व्यवस्था की गई। लेकिन पानी की टंकी देखने को ही नही मिल रही है। साथ ही लाखो रूपये खर्च कर टाइल्स कमरों में लगाई गयी है। वह भी उखड़ चुकी है। कमरों में भी खिड़की टूटी पड़ी है। जिसमे जुगाड़ करके पट्टा लगे है। साथ ही केवल एक कक्षा में चार बैंच हैं । जिस पर आधे – अधूरे बच्चे बैठ पा रहे है। अन्य बच्चे फर्श पर बैठ रहे है। वो भी टूटा है। साथ ही कई वर्ष पहले कराएं निर्माण में आज तक गेट नहीं लग पाए हैं । जिसके चलते स्टोर रूम में खाना बन रहा है। रसोई घर भी बदहाल हो चुका है। अव्यवस्थाओं को देखकर अविभावक भी परेशान है।
जब शनिवार को स्कूल में 2 बजकर 15 मिनट पर जाकर देखा गया तब स्कूल बंद मिला जब कि 3 बजे का स्कूल बंद का समय है। प्रधानाचार्य का नंबर बंद जा रहा था।
ग्रामीणों ने अधिकारियों से व्यवस्था में सुधार की मांग की है।