झाँसी में आदमखोर लकड़बघ्घे की दहशत: घायल लकड़बघ्घे की रेस्क्यू के बाद मौत, ग्रामीणों में डर का माहौल

Faizan Khan
Faizan Khan - Journalist
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झाँसी में आदमखोर लकड़बघ्घे की दहशत: घायल लकड़बघ्घे की रेस्क्यू के बाद मौत, ग्रामीणों में डर का माहौल

झाँसी, सुल्तान आब्दी: इन दिनों झाँसी में एक आदमखोर लकड़बघ्घे की चहलकदमी और दहशत देखने को मिली। झाँसी के मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम बुखारा में आज ग्रामीणों को एक घायल लकड़बघ्घा मिला, जिसकी सूचना तत्काल वन विभाग की टीम को दी गई।

रेस्क्यू और उपचार के दौरान मौत

सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची और घायल लकड़बघ्घे का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर उसे अपने कब्जे में लिया। लकड़बघ्घे को उपचार के लिए ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। अब लकड़बघ्घे का पोस्टमार्टम किया जा रहा है, जिससे उसकी मौत का सही कारण पता चल सके।

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ग्रामीणों में दहशत और लकड़बघ्घे की खूंखार प्रकृति

ग्रामीणों के अनुसार, यह एक खतरनाक आदमखोर जानवर है, जो कुत्तों, गधों, बकरियों के अलावा छोटे बच्चों को भी अपना शिकार बना सकता है। उनका मानना है कि अगर कोई इंसान इसे अकेला मिल जाए तो यह उसे भी अपना शिकार बना सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि यह इतना खूंखार जानवर है कि यह शेर और चीता के मुँह से भी शिकार को छुड़ाने की क्षमता रखता है। इस घटना से ग्रामीण दहशत में हैं और उनका कहना है कि अभी और भी लकड़बघ्घे गांव के पास हो सकते हैं।

जंगल कटान और शहरी क्षेत्रों में घुसपैठ

बताया गया है कि लकड़बघ्घे को हाइना (Hyena) भी कहा जाता है। यह प्रजाति अधिकतर अफ्रीका के जंगलों में पाई जाती है, लेकिन इसके अलावा इस प्रजाति को बुंदेलखंड के जंगलों में भी देखा जाता है। चिंता का विषय यह है कि जंगलों के हो रहे कटान के चलते अब यह खूंखार जानवर शहरों और रिहायशी इलाकों की ओर चहलकदमी करते देखे जा रहे हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका बढ़ गई है।

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फैजान खान, संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार, पिछले पाँच वर्षों से अधिक राजनीति और सामाजिक सरोकारों पर गहन रिपोर्टिंग कर रहा हु। मेरी लेखनी समाज की सच्चाइयों को सामने लाने और जनसमस्याओं को आवाज़ देने के लिए जानी जाती है। निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित पत्रकारिता के करता आया हु और करता रहूंगा। ( कलम से सच बोलना मेरी पहचान है। )
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