- 100 से अधिक लोगों की बचा चुके हैं यमुना में कूद कर जान
- निःशुल्क सेवा भाव की खूब मिली है प्रशंसा, पर मदद को नहीं बढे हाथ
मथुरा। लोगों के अपनी किस्म के जुनून होते हैं। किसी को सफलता हासिल करने का जुनून तो किसी को शोहरत हासिल करने का। लेकिन इनका तो जुनून है डूबती हुई जिंदगियों को बचाना। मथुरा शहर के अशोक बिहार सदर बाजार निवासी मनोज यादव पुत्र महावीर सिंह यादव उन विरले लोगों में हैं जो दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगाते रहे हैं।
मनोज की उम्र अब 50 का पड़ाव पर करने की दहलीज पर है। अब तक वह 100 से अधिक लोगों की जान बचा चुका है। यमुना में किसी के डूबने की सूचना पर पुलिस भी उन्हें डूबे हुए व्यक्ति की तलाश के लिए ले जाती रही है।
20 वर्षों की इस निस्वार्थ सेवा ने मनोज को प्रशंसा तो खुब दिलाई लेकिन उसकी आर्थिक मदद के लिए किसी के हाथ नहीं बढे। मनोज कहते हैं प्रशंसा से मन तो खुश होता है लेकिन पेट नहीं भरता, अब उम्र भी हो चली है और आर्थिक संकट भी गहरा रहा है। इसके बाद भी वह इस सेवा को जारी रखे हुए हैं, लोगों की जिंदगी बचाना उनका शौक नहीं जनून है। प्रशासन को भी कई बार लिखा है कि उनकी कुछ आर्थिक मदद कर दी जाये लेकिन किसी ने कुछ सुनवाई नहीं की।
22 अप्रैल 2022 को उन्होंने जो साहस दिखाया था उसकी चकल्लस तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा डा.गौरव ग्रोवर तक भी पहुंची। डा.गौरव ग्रोवर ने मनोज का उत्साह वर्धन करने के लिए उन्हें एक पत्र लिखा था जिसमें घटना का जिक्र करते हुए उनके कार्य की प्रशंसा की थी। मनोज उस पत्र को दिखाते हुए कहते हैं कि वाकई इस तरह की प्रतिक्रियाएं उनके हौसलों को और मजबूत करती हैं।
22 अप्रैल 2022 को एक लडकी ने पुल से यमुना नदी में छलांग लगा दी थी। यह देख व्यस्त रहने वाला यह पुल लोगों से भर गया और लोग लडकी को डूबते हुए वीडियो बनाने में व्यस्त थे। इसी बीच मनोज ने पुल से यमुना में छलांग लगा दी और लडकी को सकुशल यमुना नदी से बाहर निकाल लिया। लोगों के कैमरे में मनोज का साहस भी कैद हो गया था। जिसकी लोगों ने खूब प्रशंसा की थी।