आगरा : प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज आलम के निर्देश पर, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष बशीर उल हक रॉकी के नेतृत्व में एक ज्ञापन ए.सी.एस थर्ड अभय कुमार सिंह को सौंपा गया। इस ज्ञापन में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के भाग लेने और उद्घाटन करने के खिलाफ विरोध जताया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि रविवार, 8 दिसंबर 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस ने विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और उद्घाटन किया था। कार्यक्रम में जस्टिस ने अमर्यादित टिप्पणी भी की, जो जजों के कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि जजों का गैर सरकारी और गैर विभागीय मंच पर भाग लेना संविधान के विपरीत है।
कांग्रेस ने कहा कि यू०सी०सी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) भाजपा का चुनावी एजेंडा है, और यह कानून बनाने का काम विधायिका का है, न कि न्यायपालिका का। जस्टिस यादव का यू०सी०सी० को लागू करने के पक्ष में बयान देना भाजपा के एजेंडे को लागू करना है, जो संविधान के खिलाफ है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि जस्टिस यादव ने गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने के संबंध में भी विवादित बयान दिया था, जो अवैज्ञानिक था और संविधान के अनुच्छेद 51-ए (एच) के खिलाफ था।
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि इस मामले का स्वत: संज्ञान लेकर जस्टिस यादव और उनके समकक्ष जजों को उनके पद से हटाया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पर लोगों का विश्वास बहुत अधिक है, और इस विश्वास को बनाए रखने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की है।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से अतीक अहमद कादरी, जसकीरत सिंह, अभय मोर भट्ट, मुशीर खान, अफजाल अहमद कुरेशी, अनीस उस्मानी, सलीम आदि उपस्थित रहे।