झांसी, उत्तर प्रदेश: सरकारी स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी ‘मिड-डे मील’ योजना झांसी जिले के चिरगांव ब्लॉक के ग्राम लोहरगांव में दम तोड़ती नजर आ रही है। पत्रकार सुल्तान आब्दी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, लोहरगांव के सरकारी स्कूल में बच्चों को या तो भरपेट खाना नहीं मिल पा रहा है, या फिर उन्हें पतला और अधपका भोजन दिया जा रहा है। इसका सीधा आरोप रसोइयों ने पर्याप्त राशन न मिलने पर लगाया है।
रसोइयों की आपबीती: ‘कम राशन में कैसे बनाएं भरपेट खाना?

स्कूल में मिड-डे मील बनाने वाली रसोइयों का दर्द साफ झलक रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें राशन की आपूर्ति बेहद कम मिल रही है, जिसके कारण वे सभी बच्चों के लिए सही मात्रा और गुणवत्ता का भोजन तैयार नहीं कर पा रही हैं। एक रसोइया ने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा, “हमें राशन कम मिलने के कारण मजबूर होना पड़ रहा है। इतना सामान नहीं आता कि सभी बच्चों के लिए भरपूर खाना बना सकें। ऐसे में आधा-अधूरा या पतला खाना देने से अच्छा है, न दें।”

रसोइयों का यह भी कहना है कि जब तक उन्हें पर्याप्त मात्रा में राशन नहीं मिलेगा, तब तक वे गुणवत्ता से समझौता करके बच्चों को पतला या अधपका खाना देने के पक्ष में नहीं हैं। इसी वजह से कई सरकारी स्कूलों में बच्चों को पूरा खाना नहीं दिया जा रहा है।
अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश: ‘भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही योजना’

इस गंभीर स्थिति से अभिभावक और ग्रामीण दोनों ही बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार बच्चों के लिए इतनी अच्छी योजना चला रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर व्याप्त लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण बच्चों को उसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनका सवाल है कि जब राशन ही पूरा नहीं मिल रहा, तो बच्चे स्वस्थ और पोषित कैसे होंगे? यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
ग्रामीणों की प्रशासन से सीधी मांग: नियमित और पूरी राशन आपूर्ति हो

परेशान ग्रामीणों ने अब प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
* राशन की नियमित और पूरी आपूर्ति सुनिश्चित की जाए: ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करे कि स्कूलों को मिड-डे मील के लिए पर्याप्त मात्रा में और समय पर राशन मिले।
* दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो: जो भी अधिकारी या कर्मचारी राशन की आपूर्ति में कमी के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
* बच्चों को पौष्टिक और पर्याप्त भोजन मिले: यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक और भरपेट भोजन मिले, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से हो सके।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो वे इस मुद्दे को लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन करने को विवश होंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि झांसी जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कब संज्ञान लेता है और लोहरगांव के सरकारी स्कूल के बच्चों को उनका हक, यानी पौष्टिक और भरपेट मिड-डे मील कब मिल पाता है।
