आगरा: थाना ट्रांस यमुना क्षेत्र के हाथरस रोड स्थित टेढ़ी बगिया सौ फुटा मार्ग पर बने होटल मिडनाइट में रविवार तड़के भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। आग की वजह दूसरी मंजिल पर एक कमरे में हुए एसी के ब्लास्ट को बताया जा रहा है। इस घटना में होटल की दूसरी मंजिल के चार कमरे पूरी तरह जलकर खाक हो गए और लाखों रुपये की संपत्ति राख हो गई। हालांकि, समय रहते होटल में ठहरे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
सोते हुए यात्रियों को जगाकर निकाला गया बाहर
यह घटना सुबह करीब छह बजे की है, जब होटल में ठहरे यात्री गहरी नींद में थे। अचानक होटल की दूसरी मंजिल के एक कमरे में एसी में तेज़ आवाज़ के साथ विस्फोट हुआ। लपटें इतनी तेज़ी से उठीं कि उन्होंने पूरे फ्लोर को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते आसपास के तीन और कमरों को भी जला डाला। लपटें और धुआँ उठता देख होटल में अफरा-तफरी मच गई। होटल स्टाफ और कुछ यात्रियों ने सूझबूझ दिखाते हुए शोर मचाकर अन्य लोगों को जगाया और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।
दमकल की दो गाड़ियों ने पाया आग पर काबू
सूचना मिलने के बाद संजय प्लेस फायर स्टेशन से दमकल की दो गाड़ियां तत्काल मौके पर पहुंचीं। प्रभारी एफएसओ सोमदत्त सोनकर के नेतृत्व में दमकलकर्मियों ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। दमकलकर्मियों ने आग को अन्य फ्लोर तक फैलने से रोका, जिससे होटल को और बड़े नुकसान से बचाया जा सका। एफएसओ सोनकर ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट या एसी फटने से लगी, इसकी जांच की जा रही है, लेकिन प्राथमिक जांच में एसी ब्लास्ट ही कारण माना गया है।
फायर एनओसी नहीं, पहले भी मिल चुके थे नोटिस
जांच में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि होटल के पास फायर डिपार्टमेंट की अनिवार्य एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं थी। एफएसओ ने बताया कि होटल को पहले भी दो बार नोटिस जारी किए जा चुके थे, लेकिन होटल प्रबंधन ने नियमों का पालन नहीं किया। होटल संचालक मौके पर कोई वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत नहीं कर सके। फायर विभाग के अनुसार, होटल का संचालन सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी के साथ किया जा रहा था। विभाग अब होटल संचालक के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
घटना के बाद स्थानीय लोगों और व्यापारियों में भी रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि बिना सुरक्षा मानकों के ऐसे होटल्स का संचालन आम लोगों की जान को जोखिम में डाल रहा है। स्थानीय प्रशासन से ऐसे होटलों की सघन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है।