अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में दोनों पार्टी के प्रत्याशियों ने अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल किए, जिनमें उनकी संपत्ति, शैक्षिक योग्यता और आपराधिक रिकॉर्ड से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई। इस जानकारी के आधार पर, दोनों दलों के उम्मीदवारों के बीच कई अंतर उभरकर सामने आए हैं।
संपत्ति में सपा प्रत्याशी आगे, भाजपा उम्मीदवार पीछे
चुनाव शपथ पत्र के मुताबिक, सपा के उम्मीदवार अजीत प्रसाद के पास 2 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जो उन्हें भाजपा प्रत्याशी चंद्रभान पासवान से संपत्ति के मामले में काफी आगे रखती है। वहीं, भाजपा उम्मीदवार चंद्रभान पासवान की कुल संपत्ति 31 लाख 15 हजार रुपये है। इसके अतिरिक्त, चंद्रभान की पत्नी के पास 82 लाख 30 हजार रुपये की संपत्ति है, जिसे जोड़ने पर उनके परिवार की कुल संपत्ति काफी बढ़ जाती है, लेकिन फिर भी वह सपा उम्मीदवार से पीछे हैं।
शैक्षिक योग्यता में भाजपा प्रत्याशी को बढ़त
शैक्षिक दृष्टिकोण से भाजपा उम्मीदवार चंद्रभान पासवान सपा के अजीत प्रसाद से काफी आगे हैं। चंद्रभान पासवान ने बीकॉम (वाणिज्य) और एलएलबी (विधि) जैसी उच्च शिक्षा हासिल की है, जबकि सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद की शिक्षा 12वीं तक ही सीमित है। इस अंतर से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा प्रत्याशी की शैक्षिक पृष्ठभूमि उन्हें चुनावी दृष्टि से एक अतिरिक्त लाभ दे सकती है।
वाहनों और शस्त्रों का लेखा-जोखा
नामांकन शपथ पत्र के अनुसार, चंद्रभान पासवान के पास एक सफारी गाड़ी और एक ट्रैक्टर है, जबकि सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद के पास कोई निजी वाहन नहीं है। इसके अतिरिक्त, चंद्रभान पासवान के पास एक राइफल और दो पिस्टल हैं, जबकि अजीत प्रसाद के पास कोई शस्त्र नहीं हैं। यह आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि भाजपा प्रत्याशी के पास संसाधनों की अधिकता है, जो चुनावी मैदान में उनके लिए एक मजबूत स्थिति पैदा कर सकती है।
आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा
जहां एक ओर चुनावी मैदान में संपत्ति और शिक्षा को लेकर बहस हो रही है, वहीं दूसरी ओर, दोनों प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड का भी खुलासा हुआ है। सपा के प्रत्याशी अजीत प्रसाद के खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक मामला कोतवाली नगर में दर्ज किया गया है। इसके विपरीत, भाजपा प्रत्याशी चंद्रभान पासवान के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। यह जानकारी उनके चुनावी अभियानों में एक सकारात्मक पहलू के रूप में सामने आई है, जो उन्हें कुछ हद तक बढ़त दे सकती है।
किसके सिर सजेगा जीत का ताज?
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किसे अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। दोनों प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं और मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। एक तरफ जहां सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद की संपत्ति और प्रभावशाली राजनीतिक साख है, वहीं भाजपा प्रत्याशी चंद्रभान पासवान की शैक्षिक योग्यता और आपराधिक रिकॉर्ड की साफ-सुथरी छवि उन्हें अन्य उम्मीदवारों से अलग खड़ा करती है।
फिलहाल, मिल्कीपुर में दोनों पक्षों की ओर से जोर-शोर से चुनावी प्रचार-प्रसार हो रहा है और चुनावी जंग ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब यह तय करना बाकी है कि कौन सी पार्टी और प्रत्याशी मतदाताओं के विश्वास को जीतने में सफल होंगे और किसके सिर सजेगा जीत का ताज।