आगरा। उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य ने आज जिला अस्पताल पहुंचकर एक महीने से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता श्याम सिंह चाहर से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान मंत्री ने प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर देते हुए कहा कि सहकारिता क्षेत्र में भ्रष्टाचार करने वाले दोषियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
किसान नेता की भूख हड़ताल और प्रशासन की कोशिशें
किसान नेता श्याम सिंह चाहर पिछले एक महीने से प्रशासन और सहकारिता विभाग के भ्रष्टाचार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनके समर्थन में क्षेत्रीय किसान नेताओं और समाज के अन्य लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन किया था। मंत्री बेबीरानी मौर्य के साथ इस दौरान विकास भवन पर चल रहे धरने की भी चर्चा हुई।
मुलाकात के दौरान मंत्री ने दी कार्रवाई का आश्वासन
मुलाकात के दौरान मंत्री बेबीरानी मौर्य ने श्याम सिंह चाहर से बातचीत करते हुए कहा, “प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है और जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। सहकारी समितियों में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” मंत्री ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर जल्द ही प्रशासनिक स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
किसान नेता की शर्त: रिपोर्ट दर्ज होने तक भूख हड़ताल जारी
हालांकि, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इस दौरान श्याम सिंह चाहर से मुलाकात की और उन्हें भूख हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया। एडीएम सिटी अनूप कुमार और सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान भी अस्पताल पहुंचे और किसान नेता से अनशन समाप्त करने की अपील की। लेकिन किसान नेता ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक एआर सहकारी समितियों के खिलाफ प्रशासन रिपोर्ट दर्ज नहीं करता, वह भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
धरने का 31वां दिन
इसी बीच विकास भवन पर चल रहा धरना 31वें दिन में प्रवेश कर गया। किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह ने स्पष्ट किया कि जब तक दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे। धरने में शामिल अन्य किसान नेताओं में दाता राम लोधी, छीतरिया, महताप चाहर, रामू चौधरी, नागेंद्र फौजी, सुरेंद्र सिंह, प्रदीप फौजदार, विशम्बर सिंह और अन्य लोग भी शामिल थे।
मंत्री के साथ आए थे ये नेता
मंत्री बेबीरानी मौर्य के साथ अस्पताल पहुंचने वाले प्रतिनिधियों में अभिनब मौर्य, यशपाल राणा और प्रदीप शर्मा भी शामिल थे। मंत्री के साथ उनके अन्य समर्थक भी मौजूद थे जिन्होंने किसान नेता को समर्थन देने का आश्वासन दिया।