मथुरा। वृंदावन में बंदर अब अपनी “पैंतरेबाज़ी” में बदलाव कर रहे हैं। पहले बंदर श्रद्धालुओं का चश्मा लेकर उसे फ्रूटी या अन्य खाद्य पदार्थ के बदले वापस कर देते थे, लेकिन अब उन्होंने नया तरीका अपनाया है। चश्मे को लेकर श्रद्धालुओं की सतर्कता बढ़ने के बाद, बंदर अब महिला श्रद्धालुओं के कानों से कुंडल छीनने लगे हैं।
बदल रहा है बंदरों का तरीका
वृंदावन में श्रद्धालु अब बंदरों के नए तरीके से परेशान हैं। महिलाएं, जो अपने कानों में सोने या चांदी के कुंडल पहनकर आई होती हैं, वे अब बंदरों के निशाने पर हैं। ये बंदर कुंडल छीनने के बाद खाद्य पदार्थ जैसे फ्रूटी लेकर ही इन्हें छोड़ते हैं। हाल ही में, हरियाणा की एक महिला श्रद्धालु रजनी के कानों से एक बंदर कुंडल छीनकर भाग गया। महिला और उसके साथियों ने बंदर का पीछा किया, लेकिन बंदर ने कुंडल को तोड़ डाला और उसे वापस नहीं किया, भले ही फ्रूटी ले ली।
श्रद्धालु हुए सतर्क
स्थानीय लोगों ने बंदर को लुभाने के लिए विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे फ्रूटी भी दी, लेकिन बंदर ने कुंडल वापस नहीं किया। अंततः कई घंटों की मेहनत के बाद ही कुंडल वापस मिला। इस घटना ने महिला के कान को भी चोटिल कर दिया और खून बहने लगा। इस बढ़ते आतंक के कारण श्रद्धालुओं में खासा डर का माहौल है। ऑटो चालक भी यात्रियों को बंदरों से सावधान रहने की चेतावनी देते हैं।
प्रशासन की उदासीनता
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब तक उन्होंने बंदरों को सिर्फ हाथों से सामान छीनते देखा था, लेकिन अब महिला श्रद्धालुओं से कान के कुंडल भी छीनने लगे हैं। इससे कई श्रद्धालु घायल हो रहे हैं और प्रशासन को इस समस्या को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।