प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के पहले दिन, 6 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान उत्सव के दौरान भारी भीड़ के कारण 250 से अधिक लोग अपने परिवारों से बिछड़ गए। हालांकि, मेला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन सभी को उनके परिवारों से फिर से मिलवा दिया। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंचे थे, और कुंभ मेले का उद्घाटन भव्य तरीके से हुआ।
लोगों का पता लगाने के लिए कई उपाय
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेले में भारी भीड़ को नियंत्रित करने और बिछड़े हुए लोगों का पता लगाने के लिए कई प्रभावी उपाय किए हैं। ‘भुला-भटक’ शिविर, पुलिस सहायता केंद्र और विशेष रूप से निर्मित वॉचटावर पर कर्मियों की तैनाती की गई है। इन शिविरों में खोई हुई महिलाओं और बच्चों के लिए समर्पित सेक्शन हैं, और ‘खोया-पाया’ केंद्रों में डिजिटल गैजेट्स और सोशल मीडिया की मदद से लापता व्यक्तियों के बारे में जानकारी साझा की जाती है।
घाटों के किनारे लाउडस्पीकर की घोषणाएं
घाटों के किनारे लाउडस्पीकरों पर लापता लोगों के नाम की लगातार घोषणाएं की जा रही हैं। इससे तीर्थयात्रियों को अपने परिवार से मिलने में मदद मिल रही है। पुलिस और नागरिक सुरक्षा कर्मी भी सक्रिय रूप से श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा के वार्डन नितेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि शुरुआत में ही सैकड़ों परिवारों को फिर से मिलाया गया। पहले डेढ़ घंटे में ही उनकी टीम ने लगभग 200 से 250 लापता लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में सफलता पाई।
तीर्थयात्रियों के अनुभव
दिल्ली से आए अजय गोयल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “हमने मजाक में कहा था कि कुंभ मेले में अक्सर लोग बिछड़ जाते हैं, और सचमुच हम एक-दूसरे से बिछड़ गए थे। लेकिन लाउडस्पीकर पर नाम घोषित होते ही हम फिर से मिल गए।”
वहीं, सुजाता झा नामक महिला ने बताया कि वह 13 परिवार के सदस्यों के साथ महाकुंभ में आई थीं, लेकिन कुछ घंटे बाद वे अपने परिवार से बिछड़ गईं। हालांकि, उनका नाम कई बार घोषणाओं में आया, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। वह गीले कपड़ों में घंटों इंतजार कर रही थीं।
शाहजहांपुर की ओमवती नामक बुजुर्ग महिला ने भी अपनी स्थिति बयान की। वह दो अन्य लोगों के साथ आई थीं, लेकिन वे भीड़ में उनसे अलग हो गए।
उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई
अजय गोयल ने कहा कि घोषणाएं और खोया-पाया केंद्र बहुत प्रभावी हैं। अधिकारियों के त्वरित और सक्रिय प्रयासों ने तीर्थयात्रियों को राहत दी है। यूपी सरकार के अनुमान के अनुसार, इस बार 12 साल बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले में 26 फरवरी तक 40 से 45 करोड़ आगंतुकों के आने की उम्मीद है।
इस विशाल संख्या में भीड़ को नियंत्रित करना और बिछड़े हुए लोगों का पता लगाना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन मेला प्रशासन ने प्रभावी कदम उठाकर इसे सफलतापूर्वक संभाला है।