रोज रोज पैदा नहीं होते डॉ. श्रीभगवान शर्मा जैसे बहुआयामी विद्वान

Saurabh Sharma
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आगरा। डॉ. श्रीभगवान शर्मा स्मृति संस्थान के बैनर तले हिंदी साहित्य, संस्कृत एवं भाषा विज्ञान के पुरोधा स्मृति शेष डॉ. श्रीभगवान शर्मा जी की प्रथम पुण्यतिथि पर रविवार को आगरा पब्लिक स्कूल सभागार में एक भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शहरवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय कवि और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. सोम ठाकुर ने कहा, “डॉ. शर्मा विद्वान, मिलनसार और परोपकारी थे। उनके ज्ञान का कोई मुकाबला नहीं है।”

मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. आरएस पारीक ने डॉ. शर्मा की विद्वता की सराहना करते हुए कहा, “वह अध्यात्म और साहित्य के महान विभूति थे। उन्होंने झूठ और चाटुकारिता से कभी समझौता नहीं किया।”

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पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. शशि तिवारी ने कहा, “डॉ. शर्मा जैसे बहुआयामी विद्वान रोज-रोज नहीं पैदा होते। उनकी लिखी कृतियाँ साहित्य जगत के लिए एक धरोहर हैं।”

भारतीय ब्राह्मण फेडरेशन के पं. पदम प्रकाश ने कहा, “डॉ. शर्मा की विद्वता और तपस्या हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।”

आरबीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जवाहर सिंह धाकरे ने कहा, “डॉ. शर्मा की प्रगतिशील सोच ने समाज को आगे बढ़ाने में मदद की।”

इस अवसर पर 21 मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जो डॉ. शर्मा की शुरू की गई पहल का हिस्सा है। ब्राह्मण परिषद के अध्यक्ष पं. ब्रह्मदत्त शर्मा ने इस सम्मान का महत्व बताया।

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कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. आरएस तिवारी ‘शिखरेश’ ने किया। समारोह में अन्य प्रमुख उपस्थितियों में डॉ. शेखर शर्मा, अजय पंडित, राजेश शर्मा, मुकेश शर्मा, और कई अन्य शामिल थे। सभी ने डॉ. श्रीभगवान शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व को सराहा और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस आयोजन ने डॉ. शर्मा के प्रति श्रद्धा और सम्मान का अद्भुत माहौल बनाया, जिससे उनके योगदान की महत्ता और भी उजागर हुई।

 

 

 

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