योगी सरकार के संरक्षण प्रयासों के बावजूद जैथरा में गौ वंशों की दुर्दशा, नगर वासियों में आक्रोश
जैथरा,एटा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां एक ओर गोवंश संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर जैथरा नगर पंचायत क्षेत्र में गोवंश की हालत दिन-ब-दिन दयनीय होती जा रही है। नगर प्रशासन की लापरवाही के चलते आवारा और बीमार गौ माता सड़कों पर भटकती रहती हैं और मृत गोवंश खुले में पड़े देखे जा सकते हैं।
बुधवार दोपहर करीब 2:00 बजे वार्ड नंबर 8, मोहल्ला गांधीनगर स्थित कान्हा आश्रय स्थल/गौशाला के पास एक गाय मृत अवस्था में कई घंटे तक पड़ी रही। जब किसी भी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया, तो मोहल्ला वासियों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज बुलंद की। मामला तेजी से फैलते ही नगर पंचायत प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई।
स्थानीय निवासी राहुल ने बताया, यह पहली बार नहीं है, पहले भी कई बार प्रशासन को जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन जब तक मामला वायरल न हो, तब तक कोई सुनवाई नहीं होती।
नगरवासियों का आरोप है कि कान्हा आश्रय स्थल में न तो पर्याप्त चारा-पानी की व्यवस्था है और न ही बीमार गोवंश की देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है। इन परिस्थितियों में प्रदेश की योगी सरकार की मंशा और जमीनी हकीकत के बीच बड़ा फर्क देखने को मिल रहा है।
ऐसे में जनता का सवाल है कि क्या नगर पंचायत गौ वंश संरक्षण के लिए मिलने वाले बजट का उपयोग सही ढंग से नहीं कर पा रही है? या फिर गोवंश की देखरेख के लिए स्थायी और जिम्मेदार व्यवस्था कागजी कार्रवाई तक सीमित हो कर रह गई है ?