राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया: बालिकाओं को सम्मान और अधिकार देने की शपथ

Raj Parmar
3 Min Read
राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया: बालिकाओं को सम्मान और अधिकार देने की शपथ

खेरागढ़: 24 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर खेरागढ़ के प्राथमिक विद्यालय कछपुरा सरेंडा में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय की सभी बालिकाओं को लेखन सामग्री की किट वितरित की गई। यह दिन बालिकाओं के अधिकारों को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत वर्ष 2009 में की गई थी। इसे मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन चुना गया था क्योंकि इसी दिन, 1966 में, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शपथ ली थी। इस दिन को खास बनाने का उद्देश्य देश में बालिकाओं के अधिकारों को लेकर जागरुकता बढ़ाना है।

See also  अछनेरा में जन्माष्टमी के रंग में रंगे मंदिर, भक्ति की बही बाहर

कार्यक्रम का आयोजन

विद्यालय के शिक्षक सतीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के लिए इस वर्ष विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय में नामांकित समस्त बालिकाओं को लेखन सामग्री की किट वितरित की गई, ताकि उनकी शिक्षा में कोई रुकावट न हो।

प्रधानाध्यापक राकेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि “राष्ट्रीय बालिका दिवस पर देश की समस्त बेटियों को नमन। आइए हम सब संकल्प लें कि हम अपने समाज और देश के उत्थान के लिए बालिकाओं को जीवन, प्रेम, सम्मान और समान अधिकार देंगे।”

मिशन शक्ति कार्यक्रम

इस अवसर पर सरकार द्वारा चलाए जा रहे “मिशन शक्ति” कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई। यह कार्यक्रम विशेष रूप से बालिकाओं और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक बनाने के लिए चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत बालिकाओं और महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा, और शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।

See also  आगरा न्यूज: विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ने किया राष्ट्रीय पक्षी का अंतिम संस्कार

बालिका शिक्षा और समाज में समानता

राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य केवल यह नहीं है कि हम बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करें, बल्कि यह भी है कि हम एक ऐसा समाज तैयार करें जहाँ बालिकाओं को समान अवसर मिले। विद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान यह संकल्प लिया गया कि हम सब मिलकर अपने समाज में बालिकाओं को सम्मान, सुरक्षा और समान अधिकार देंगे।

बालिकाओं की महत्ता

“बेटियां तो हैं ईश्वर का उपहार, मत छीनो इनसे जीने का अधिकार” – यह पंक्ति इस दिन के महत्व को और भी प्रकट करती है। हमारी बेटियां हमारे समाज का एक अहम हिस्सा हैं, और उनका सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। बालिका दिवस इस बात को याद दिलाने का एक अवसर है कि बेटियों के लिए एक सुरक्षित, समान और प्रेमपूर्ण समाज की आवश्यकता है।

See also  Loksabha Election 2024: UP में सहयोगी दलों को छह सीटें देगी भाजपा, राजनाथ सिंह लखनऊ से चुनाव लड़ेंगे !
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement