गाजियाबाद में साइबर अपराधियों का नया पैंतरा

Dharmender Singh Malik
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गाजियाबाद । यदि कोई परिचित वाट्सअप पर मदद के नाम पर रुपये मांगता है तो उसे काल कर पहले कंफर्म कर लें। उसके बाद ही भुगतान करें। वरना आप भी शातिरों की ठगी का शिकार हो सकते हैं। इन दिनों इसी तरह लोगों से ठगी की जा रही है। साइबर अपराधी ठगी के नए पैंतरे आजमा रहे हैं। अपने झांसे में लेकर लोगों को लाखों का चूना लगा रहे हैं।

आरोपित व्यक्ति का मोबाइल हैक कर पहले कान्टेक्ट लिस्ट अपने पास लेते हैं। इसके बाद वाट्सअप पर व्यक्ति के नाम से फर्जी आईडी तैयार कर रिश्तेदारों व दोस्तों को मैसेज भेजते हैं। सभी मैसेज में मदद के नाम पर रकम मांगी जाती है। जरूरत बताते हुए तत्काल आनलाइन रुपये मंगाते हैं। लोग झांसे में आकर रकम दे देते हैं। इसी तरह शहर में लोग लगातार ठगी के शिकार हो रहे हैं।

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पिछले दस दिन में इस तरह के सात मामले सामने आ चुके हैं। पीड़ित थाने के चक्कर लगा रहे हैं। सभी की रिपोर्ट साइबर सेल में भेजी गई है। इस तरह की ठगी केवल आम आदमी के साथ ही नहीं बल्कि पुलिस के साथ भी हो रही है। निवाड़ी के तत्कालीन थाना प्रभारी मनोज कुमार की भी कांटेक्ट लिस्ट हैक कर ली गई थी। उनकी फोटो लगाकर वाट्सअप पर फर्जी आईडी बनाई और लोगों से मदद के नाम पर रुपये मांगे गए। भोजपुर के भी तत्कालीन एसएचओ धर्मेंद्र सिंह के नाम से भी लोगों से रुपये मांगे गए।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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