जैथरा (एटा): विकासखंड जैथरा के गांव ललहट स्थित प्राथमिक विद्यालय में दलित समुदाय के बच्चों से झाड़ू लगवाने का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा था। लेकिन, दो हफ्ते बीत जाने के बावजूद आरोपी हेड मास्टर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
जांच में हेड मास्टर पर नहीं आई आंच
जांच अधिकारी नेत्रपाल सिंह द्वारा दी गई रिपोर्ट ने मामले को और उलझा दिया है। उन्होंने अपने बयान में गोल-मोल जवाब देते हुए स्पष्टता से कुछ भी नहीं कहा। रिपोर्ट में हेड मास्टर को पूरी तरह से दोषमुक्त नहीं ठहराया गया, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कदम भी नहीं उठाया गया।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस मामले को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि हेड मास्टर ने बच्चों से झाड़ू लगवाकर न केवल उनके अधिकारों का हनन किया, बल्कि जातिगत भेदभाव भी किया। बावजूद इसके, जांच में आरोपों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
घटना के दो सप्ताह बाद भी प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने से सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों ने खंड शिक्षा अधिकारी की जांच प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
बीएसए का बयान
बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा, जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है और मामले की गहराई से समीक्षा की जा रही है। यदि हेड मास्टर दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना शिक्षा विभाग में व्याप्त लापरवाही और जातिगत भेदभाव जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। ऐसी घटनाएं बच्चों के अधिकारों और समाज में समानता की भावना को ठेस पहुंचाती हैं।
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जैथरा (एटा): विकासखंड जैथरा के गांव ललहट स्थित प्राथमिक विद्यालय में दलित समुदाय के बच्चों से झाड़ू लगवाने का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा था। लेकिन, दो हफ्ते बीत जाने के बावजूद आरोपी हेड मास्टर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।जांच में हेड मास्टर पर नहीं आई आंचजांच अधिकारी नेत्रपाल सिंह द्वारा दी गई रिपोर्ट ने मामले को और उलझा दिया है। उन्होंने अपने बयान में गोल-मोल जवाब देते हुए स्पष्टता से कुछ भी नहीं कहा। रिपोर्ट में हेड मास्टर को पूरी तरह से दोषमुक्त नहीं ठहराया गया, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कदम भी नहीं उठाया गया।स्थानीय लोगों में आक्रोशइस मामले को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि हेड मास्टर ने बच्चों से झाड़ू लगवाकर न केवल उनके अधिकारों का हनन किया, बल्कि जातिगत भेदभाव भी किया। बावजूद इसके, जांच में आरोपों को नजरअंदाज किया जा रहा है।प्रशासन की निष्क्रियता पर सवालघटना के दो सप्ताह बाद भी प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने से सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों ने खंड शिक्षा अधिकारी की जांच प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।बीएसए का बयानबेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा, जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है और मामले की गहराई से समीक्षा की जा रही है। यदि हेड मास्टर दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।शिक्षा व्यवस्था पर सवालयह घटना शिक्षा विभाग में व्याप्त लापरवाही और जातिगत भेदभाव जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। ऐसी घटनाएं बच्चों के अधिकारों और समाज में समानता की भावना को ठेस पहुंचाती हैं।