दबंग दरोगा द्वारा पत्रकार से की गई अभद्रता के मामले में दो दिन बाद भी कोई कार्यवाही नहीं, पत्रकारों और जनता में असंतोष

Raj Parmar
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खेरागढ़: थाना सैंया क्षेत्र में मंगलवार को थाना प्रभारी (दरोगा) उदयवीर सिंह मावी द्वारा पत्रकार उत्कर्ष गर्ग के साथ किए गए अभद्र व्यवहार की घटना ने न केवल क्षेत्र में बल्कि पूरे जिले में हलचल मचा दी है। इस घटना के दो दिन बाद भी कोई ठोस कार्रवाई न होने से पत्रकारों और स्थानीय जनता में पुलिस के प्रति गहरा असंतोष और भय का माहौल बन गया है।

मंगलवार को पत्रकार उत्कर्ष गर्ग सैंया क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना की कवरेज कर रहे थे, तभी दबंग दरोगा उदयवीर सिंह मावी ने उन्हें काम करने से रोका। पत्रकार ने जब इसका विरोध किया तो दरोगा ने उनका गला दबाकर, गालियां दीं और धमकी देते हुए कहा कि अगर वह मामले की रिपोर्टिंग जारी रखेंगे तो उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, पत्रकार को धक्का भी दिया गया।

इस घटना के अगले दिन, बुधवार को पत्रकार उत्कर्ष गर्ग ने एसीपी सैंया देवेश सिंह से शिकायत की और पूरी घटना का विवरण दिया। हालांकि, दो दिन बीत जाने के बावजूद मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे पत्रकारों और समाज के अन्य वर्गों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है।

जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों की नाराजगी

उक्त घटना के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और सामाजिक संगठनों ने जमकर निंदा की है और दरोगा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले ने जिलेभर में चर्चा का विषय बना दिया है। पत्रकारों का कहना है कि यदि एक पत्रकार ही अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को निभाते हुए असुरक्षित महसूस कर रहा है, तो आम जनता का क्या हाल होगा?

स्थानीय लोगों और व्यापारियों का कहना है कि यह घटना पुलिस और प्रशासन की छवि को धूमिल करती है, और क्षेत्र में पुलिस प्रशासन के प्रति असंतोष का माहौल पैदा कर रही है। क्षेत्र में यह सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस अधिकारियों को अपनी शक्ति का गलत उपयोग करने का अधिकार है, खासकर जब वह आम जनता और पत्रकारों को धमकाने का काम करते हैं।

एफआईआर नहीं, विभागीय कार्रवाई की संभावना

इस घटना पर एसीपी सैंया, देवेश सिंह ने कहा कि उन्होंने पत्रकार उत्कर्ष गर्ग से घटना की जानकारी प्राप्त की है और मामले में एफआईआर दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह आश्वासन दिया कि दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। एसीपी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और जल्द ही दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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