आगरा। लोहामंडी जटपुरा स्थित खाती पडा में 300 साल पुराना प्राचीन मंदिर की जर्जर दीवार गिरी। दीवार गिरने की आवाज से क्षेत्रीय लोगो ने दहशत का माहोल बन गया और वह अपने घरों से बाहर निकल देखा तो मंदिर की जर्जर दीवार और के मलवे में दवे वाहन दिखे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 3 वर्षो से आगरा नगर निगम को लिखित तौर पर मंदिर की जर्जर दीवार के हाल से अवगत कराया जा चुका था,
लेकिन नगर निगम ने संज्ञान ना लेकर के समस्या को हवा में उड़ा दी। मंदिर की जर्जर दीवार गिरने से पास खड़े ऑटो, बाइक और एक्टिवा पर मालवा गिर गया जिससे खासी नुकसान हुआ। लंबा समय बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नही पहुंचा जिससे क्षेत्रीय लोगो में काफी आक्रोश भड़क उठा और क्षेत्रीय लोग रोड पर निकल आए और जाम लगा दिया।
इन लोगो से पहले से मंदिर की जर्जर दीवार से करा चुके थे अवगत
अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से समस्या के विषय पर लगातार चर्चा की की जा चुकी थी। यहां तक की आगरा नगर निगम को भी मंदिर के संयोजक और क्षेत्रीय लोग लिखित तौर पर शिकायत दे चुके है। अग्र भारत के संवाददाता फारूक खान के द्वारा भी 1 वर्ष पूर्व समस्या को खबर के माध्यम से मंदिर की जर्जर दीवार को प्रकाशन में लाया गया था इसके बावजूद भी समस्या जो की तो ही रही किसी एक के भी कान पर जु तक नही रेंगी।
मंदिर के संयोजन श्री रामदास कटारा ने बताया की पिछले 200 वर्षो से दशहरा इसी मंदिर से बड़े ही धूमधाम से निकाला जाता रहा है। यह प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रहीं है। साथ ही बताया की दशहरे वाले दिन मंदिर में सांसद, विधायक, पार्षद और क्षेत्रीय समाजसेवी आदि भी मौजूद रहते है सभी लोगो को जर्जर दीवार का हाल बताया और दिखाया जा चुका था और एक बार नही बार बार लेकिन फिर भी किसी ने भी समस्या की गंभीरता ना समझते हुए संज्ञान में नहीं लिया और आज जर्जर दीवार गिर गई। दीवार गिरने से किसी को किसी प्रकार की जनहानि नही हुई लेकिन हो भी सकती थी, लेकिन क्या अब भी किसी प्रकार की बड़ी अनहोनी का इंतजार है या फिर मंदिर के दीवारों के निर्माण के लिए कोई आगे आएगा यह तो अब वक्त ही बताएगा।