– अब टीटीई की हाजिरी में नहीं चलेगा खेल, बायोमेट्रिक सिस्टम लागू!”
– “रेलवे में पारदर्शिता की नई पहल, ड्यूटी शुरू-समाप्ति बायोमेट्रिक से!”
– “आगरा मंडल के रेलवे स्टेशनों पर टीटीई की हाजिरी होगी हाईटेक!”
आगरा। केंद्र सरकार लगातार अपने कर्मचारियों के कार्यों को पारदर्शी बनाने के लिए तमाम कवायदें करती हुई दिखाई देती है, इसी क्रम में रेलवे द्वारा भी अपने कर्मचारियों को समयबद्ध कार्य पर आने हेतु एवं पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। जहां कर्मचारी इस पहल से समय पर तो आएंगे ही इसके साथ ही इनकी निगरानी भी उच्चाधिकारियों द्वारा आसानी से की जा सकेगी।
मंडल रेल प्रबंधक गगन गोयल ने डिवीज़न में यात्री सेवाओं को और अधिक पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। आगरा मंडल के आगरा छावनी, आगरा फोर्ट, ईदगाह जं. एवं मथुरा जं. स्टेशन स्थित टीटीई लॉबी में बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा साइन ऑन एवं साइन ऑफ की सुविधा सफलतापूर्वक प्रारंभ कर दी गई है। अब टीटीई स्टाफ को ड्यूटी पर आने और ड्यूटी समाप्त करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इससे पारंपरिक रजिस्टर पद्धति की जगह डिजिटल प्रणाली का उपयोग होगा, जिससे मानवीय त्रुटियों की संभावना समाप्त हो जाएगी। साथ ही यह प्रणाली वास्तविक समय (Real Time) में ड्यूटी का रिकॉर्ड उपलब्ध कराएगी।
आगरा मंडल में कुल 04 टीटीई लॉबी संचालित हैं। इस प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटाइज्ड हो जाएगी तथा कार्य में पारदर्शिता, अनुशासन, और जवाबदेही में भी उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। बायोमेट्रिक साइन ऑन एवं साइन ऑफ प्रणाली के लागू होने से मंडल को टीटीई स्टाफ की ड्यूटी मॉनिटरिंग में आसानी होगी। साथ ही, कर्मचारियों की कार्यक्षमता का सही आंकलन किया जा सकेगा और यात्री सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। बायोमेट्रिक प्रणाली डिजिटलाइजेशन की दिशा में एक सराहनीय कदम साबित होगी तथा इससे मंडल की कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावी एवं यात्री हितैषी बनेगी।
रेलवे के कई विभागों में शिकायतें रहती हैं कि कर्मचारी कार्यस्थल पर आने को लेकर मनमानी करते हैं डिजिटल निगरानी न होने से बेलगाम भी दिखाई देते हैं। मंडल रेल प्रबंधक की यह डिजिटल बायोमेट्रिक प्रणाली की पहल निश्चित तौर पर तुम्हें है समय पर काम करने की प्रेरणा देगी ही इसके साथ ही जो कर्मचारी लापरवाह एवं बेलगाम रहकर काम करते हैं उन पर भी अंकुश लगेगा। अब देखना होगा कि बायोमेट्रिक प्रणाली आगरा रेल मंडल में कितनी कारगर सिद्ध होती है।