नई दिल्ली: बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने वाली राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित प्रतिष्ठित इस्लामिक शिक्षण संस्थान, दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश वेबसाइट पर प्रकाशित आपत्तिजनक सामग्री और फतवे को लेकर दिया गया है।
NCPCR की कार्रवाई:
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को पत्र लिखकर दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है। कानूनगो ने कहा कि दारुल उलूम देवबंद द्वारा जारी किए गए फतवे में आतंकवादी संगठन “गजवा-ए-हिंद” का जिक्र आपत्तिजनक है।
उन्होंने कहा कि यह फतवा बच्चों में अपने ही देश के खिलाफ नफरत की भावना पैदा कर रहा है, जो किशोर न्याय अधिनियम, 2015 का उल्लंघन है। कानूनगो ने कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (सीपीसीआर) कानून, 2005 की धारा 13 (1) के तहत कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा कि देवबंद की वेबसाइट पर ऐसी सामग्री का प्रकाशन नफरत भड़का सकता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट के प्रसारण से होने वाले किसी भी गलत परिणाम के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
NCPCR ने देवबंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत कार्रवाई की अपील की है। एनसीपीसीआर ने सहारनपुर एसएसपी को पुलिस की कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर सौंपने का अनुरोध किया है।